कालाजार के रोगियों में एचआईवी संक्रमण
पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री पद्मश्री डा.सी.पी.ठाकुर ने कहा है कि राज्य में कालाजार पीड़ितों में भी एचआईवी का संक्रमण पाया जा रहा है। पहले ऐसे मरीजों की संख्या नगण्य थी। जो मरीज इलाज कराने आ रहे...
पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री पद्मश्री डा.सी.पी.ठाकुर ने कहा है कि राज्य में कालाजार पीड़ितों में भी एचआईवी का संक्रमण पाया जा रहा है। पहले ऐसे मरीजों की संख्या नगण्य थी। जो मरीज इलाज कराने आ रहे हैं उनमें एचआईवी का संक्रमण चिंताजनक बात है। डा.ठाकुर अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन (आईएचओ) की क्षेत्रीय इकाई द्वारा आयोजित तीन दिवसीय एचआईवीएड्स प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अपने कार्यकाल में देश में वायरल लोड की जांच के लिए मशीन लगाने पर जोर दिया था।ड्ढr ड्ढr यह दु:खद है कि बिहार के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एचआईवी के वायरल लोड की जांच के लिए उपकरण नहीं लगाए जा सके। उन्होंने कहा कि कालाजार सहित अन्य बीमारियों के क्षेत्र में जितना शोध हो रहा है उतना शोध देश के अन्दर एचआईवीएड्स पर नहीं किया जा रहा है। यहां के मरीजों के साथ भेदभाव की भी अधिक शिकायत है। इसे मिटाने की आवश्यकता है। प्रशिक्षण शिविर में शामिल पाकिस्तान के प्रतिनिधि डा.तलत अब्बास बेग ने बताया कि वहां पर सरकारी आंकड़ों के अनुसार महज छह हजार एड्स रोगी हैं। गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार वहां पर एड्स रोगियों की संख्या लगभग 80 हजार है। डा.बेग ने बताया कि भारत में एचआईवीएड्स रोगियों के लिए सामाजिक क्षेत्र में अधिक सकारात्म काम हो रहा है। पाकिस्तान में यौनकर्मियों के लिए कोई विशेष कार्यक्रम वहां पर नहीं चलाया जाता है। इस मौके पर आईएचओ के चिकित्सा निदेशक डा.दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि नियमित दवा सेवन करनेवाले एचआईवीएड्स रोगियों में छह माह बाद वायरस की संख्या कम रहती है। इसके विपरीत महीने में एक सप्ताह तक दवा न लेनेवाले रोगियों में वायरस की संख्या अधिक हो जाती है। कार्यक्रम में राज्य एड्स नियंत्रण समिति के संयुक्त निदेशक डा.देवेन्द्र प्रसाद और स्वास्थ्य एवं जनकल्याण समिति के कोषाध्यक्ष डा.जी.पी.मल्लिक ने भी अपने विचार रखे।