खतरनाक एनएच पर जहमत मोल लेकर पार होते रहे वाहन
कहलगांव। निज प्रतिनिधि। खतरनाक गड्ढों में विलीन एनएच को मोटरेबुल करने के काम में गुरुवार को तेजी देखी गई। झामा और काले कच्चे ईंटों से गड्ढों को भरने का काम आज दिनभर चलता रहा। कुछ गड्ढों में पत्थर और...
कहलगांव। निज प्रतिनिधि। खतरनाक गड्ढों में विलीन एनएच को मोटरेबुल करने के काम में गुरुवार को तेजी देखी गई। झामा और काले कच्चे ईंटों से गड्ढों को भरने का काम आज दिनभर चलता रहा। कुछ गड्ढों में पत्थर और स्टोन डस्ट भी गिराये गये जिसे रॉलर से समतल करने का भी काम होता रहा।
वहीं जेसीवी से सड़क किनारे की मिट्टी काटकर सड़क पर जमा पानी को निकाला गया ताकि काम में बाधा न आ सके तथा गड्ढे की गहराई का भी अंदाजा लग सके। बावजूद इसके सड़क की हालत अब भी नाजुक बनी है। अनेकानेक गड्ढों और कीचड़ की वजह से जहमत मोल लेकर छोटे वाहनों का परिचालन जैसे तैसे होता रहा। सर्वाधिक परेशानी स्कूली बच्चों को ङोलनी पड़ी। वाहनों के पलटने के भय से बच्चों को कीचड़ में उतारकर वाहनों को पार कराया जाता रहा।
ऐसे में बच्चों कीचड़ भरे मार्ग में गिरते पछड़ते रहे। इस दौरान बच्चों के कपड़े और शरीर कीचड़ से लथपथ होते रहे। आज भी आमापुर और पकड़तल्ला गांवों के बीच कुछ भारी वाहन गड्ढों में फंसे रहे। वहीं दूसरी ओर गड्ढों में गिराये गये रोड़े को समतल नहीं किये जाने के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी ङोलनी पड़ी। जरूरत इस बात की है कि रॉलर और जेसीवी की संख्या बढ़ाई जाय ताकि रोड़ो को गिराने के तुरंत बाद इसे समतल किया जा सके।
पानी के अंदर पड़े झामा ईंट वाहन चालकों के परेशानी का सवब बना रहा। दुपहिया और तिपहिया वाहन चालकों को खासी परेशानी ङोलनी पड़ी। हांलाकि भैना पुल के क्षतिग्रस्त होने तथा एनएच की खश्ताहाल हालत को लेकर इन दिनों भारी वाहनों की संख्या में गिरावट से सड़क समेत लोगों को भी राहत मिली है। एनएच के कार्यपालक अभियंता लालमोहन प्रजापति ने बताया कि गड्ढों की भराई के लिये एक करोड़ चालीस लाख रुपए का अतिरिक्त प्राक्कलन तीन मई को ही मंत्रालय को भेजा गया था लेकिन अबतक स्वीकृति नहीं मिली है। फिलहाल प्राक्कलन स्वीकृति की प्रत्याशा में काम कराये जा रहे हैं।