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भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं मदिरालय: भाजपा विधायक

मनोहर पार्रिकर सरकार के एक मंत्री द्वारा पब संस्कृति की निंदा करने से शुरू हुए विवाद के बाद भाजपा के एक विधायक ने पौराणिक संदर्भ का हवाला देते हुए कहा कि मदिरालय और शराब भारतीय संस्कृति का हिस्सा...

भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं मदिरालय: भाजपा विधायक
एजेंसीThu, 03 Jul 2014 12:47 PM
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मनोहर पार्रिकर सरकार के एक मंत्री द्वारा पब संस्कृति की निंदा करने से शुरू हुए विवाद के बाद भाजपा के एक विधायक ने पौराणिक संदर्भ का हवाला देते हुए कहा कि मदिरालय और शराब भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं। विधायक ने साथ ही इन पर संस्कृति और धर्म के नाम पर प्रतिबंध लगाने के किसी भी कदम का विरोध किया।
   
विधायक विष्णु वाघ ने कहा कि वह महाराष्ट्रवादी गोमतांक पार्टी (एमजीपी) के मंत्री सुदिन धावलीकर के विरोध के तौर पर 22 जुलाई को शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के आगामी सत्र में धोती पहनकर जाएंगे। गौरतलब है कि धावलीकर ने गोवा में तटों पर बिकनी पहनने पर रोक लगाने की मांग करते हुए इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया था। उन्होंने पबों में छोटे कपड़े पहन कर आई लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाने की भी मांग की थी।
   
वाघ ने कहा कि वह धावलीकर की मांगों का विरोध करते हैं। उन्होंने धावलीकर के बिकनी से जुड़े बयान को लेकर कल एक सवाल के जवाब में यहां संवाददाताओं से कहा, मैं पूरे सत्र के दौरान धोती पहनूंगा। सुदिन धावलीकर के पूर्वज भी धोती पहनते थे। अगर वह सच में भारतीय संस्कति को लेकर चिंतित हैं तो उन्हें भी ऐसा ही करना चाहिए।
   
एमजीपी भाजपा सरकार की सहयोगी पार्टी है। धावलीकर ने हालांकि विरोध होने के बाद कल शाम अपना बयान वापस ले लिया था। धावलीकर ने भारतीय संस्कृति की रक्षा को लेकर श्रीराम सेना के विवादित प्रमुख प्रमोद मुथालिक का भी समर्थन किया था।
   
वाघ ने धावलीकर पर निशाना साधते हुए कहा, मदिरालय और शराब भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं और पौराणिक काल से चले आ रहे हैं। भाजपा विधायक ने कहा कि जब देवों और असुरों ने अमत मंथन किया था तब मंथन की प्रक्रिया की वजह से 14 चीजें निकली थी जिनमें एक शराब भी थी। शराब को लेकर देवों और असुरों के बीच लड़ाई हुई थी। उन्होंने कहा कि यहां तक कि प्राचीन काल में यज्ञ के दौरान साधुगण इंद्र देवता को शराब भेंट करते थे।
   
वाघ ने सवाल किया, ये हमारे धर्म से जुड़े पौराणिक तथ्य है। हमें धर्म और संस्कृति के नाम पर पबों और शराब का विरोध करने की क्या जरूरत है। मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने कल बिकनी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्होंने कहा कि उपद्रव से बचने के लिए समुद्र तटों समेत सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने की मंजूरी नहीं होगी।

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