गांवों की बिजली महंगी नहीं की जाएगी : सरकार
राज्य मुख्यालय। विशेष संवाददाता। यूपी पॉवर कारपोरेशन को सस्ती बिजली के एवज में सरकार द्वारा धन की प्रतिपूर्ति न किए जाने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने विधानसभा से वाकआउट किया। सरकार...
राज्य मुख्यालय। विशेष संवाददाता। यूपी पॉवर कारपोरेशन को सस्ती बिजली के एवज में सरकार द्वारा धन की प्रतिपूर्ति न किए जाने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने विधानसभा से वाकआउट किया। सरकार का कहना था कि वह किसी भी हालत में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की दर नहीं बढ़ाएगी। जबकि भाजपा सदस्य सरकार से जानना चाहते थे कि क्या सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को सस्ती बिजली देने के एवज में पावर कारपोरेशन को होने वाले घाटे की प्रतिपूर्ति करेगी।
प्रश्नकाल में सुरेश खन्ना के सवाल पर बिजली राज्यमंत्री यासिर शाह ने कहा कि गांवों में बिजली की दर अपेक्षाकृत कम है। पावर कारपोरेशन को इससे पड़ने वाले आर्थिक बोझ की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार नहीं करती है। इस पर भाजपा के राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि शहरी इलाकों के लोग मंहगी बिजली का खामियाजा भुगत रहे हैं। क्या सरकार शहरों की बिजली दर कम करने के लिए पावर कारपोरेशन को ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती बिजली के बदले प्रतिपूर्ति करेगी? इस पर याशिर शाह ने कहा कि सरकार ग्रामीण इलाकों की बिजली दर कतई नहीं बढ़ाएगी।
इस पर भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि उनके सवाल का सही जवाब मंत्री नहीं दे रहे हैं। भाजपा तो पहले से स्पष्ट कर चुकी है कि ग्रामीणों को सस्ती बिजली मिलनी चाहिए। सदन में इस पर शोर शराबा बढ़ने पर भाजपा सदस्य वेल में आ गए। संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने कहा कि किसी सब्सिडी व स्कालरशिप के लिए जो धन खर्च होता है कि उसकी प्रतिपूर्ति किसी और योजना के मकसद से नहीं होती है। बात बढ़ी तो केंद्र द्वारा पेट्रोल व डीजल के दामों बढ़ोतरी का मुद्दा सत्ता पक्ष ने उठाया तो भाजपा ने कहा कि विधानसभा में सरकार ने डीजल पर पांच रु पए सेस लगाने का निर्णय लिया है।
आजम खां ने कहा कि यह कर बढ़ाया नहीं है केवल बढ़ाने का अधिकार अपने पास रखा है।