सरकार के मन में सीजेआई के लिए सर्वोच्च सम्मान: प्रसाद
गोपाल सुब्रहमण्यम विवाद पर भारत के प्रधान न्यायाधीश की तरफ से आलोचना का सामना करने के बाद सरकार ने बुधवार को कहा कि उसके मन में न्यायपालिका के लिए सर्वोच्च सम्मान है। विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने...
गोपाल सुब्रहमण्यम विवाद पर भारत के प्रधान न्यायाधीश की तरफ से आलोचना का सामना करने के बाद सरकार ने बुधवार को कहा कि उसके मन में न्यायपालिका के लिए सर्वोच्च सम्मान है।
विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां कहा कि इस विवाद पर उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है, लेकिन सरकार के मन में न्यायपालिका, उच्चतम न्यायालय और भारत के प्रधान न्यायाधीश के लिए सर्वोच्च सम्मान है।
प्रसाद ने यहां कहा कि मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है। लेकिन मैं बेहद दृढ़ता से दोहराना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी के सरकार के मन में न्यायपालिका के लिए सर्वोच्च सम्मान है। उच्चतम न्यायालय समेत न्यायपालिका की स्वतंत्रता सरकार के लिए विश्वास की वस्तु है। भारत के प्रधान न्यायालय के प्रति हमारे मन में सर्वोच्च सम्मान है।
प्रधान न्यायाधीश आर एम लोढ़ा ने कल सुब्रहमण्यम की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति से सरकार के निपटने के तरीके पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि कार्यपालिका के लिए तीन अन्य नामों से एकतरफा तरीके से उनके नाम को अलग करना उचित नहीं था। तीन अन्य लोगों को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
जब तीन अन्य नामों से सुब्रहमण्यम का नाम अलग किया गया था तो न्यायमूर्ति लोढ़ा विदेश यात्रा पर थे। उन्होंने सरकार की एकतरफा कार्रवाई पर सार्वजनिक तौर पर अपनी आपत्ति जताई थी।
सीजेआई के नाखुशी जताने के बाद सरकार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए सुब्रहमण्यम के मामले को इसलिए आगे नहीं बढ़ाया गया क्योंकि जाने-माने वकील ने खुद ही अपनी उम्मीदवारी उस वक्त वापस ले ली जब जांच की प्रक्रिया चल रही थी।