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एनिमेटर कल्पनालोक के रचनाकार

रूही सिन्हा हमेशा से एक ऐसा करियर चुनना चाहती थीं, जिसमें उनकी बौद्धिक क्षमता और सृजनात्मकता का समावेश हो सके। एनिमेटर बनना उन्हें अपने लिए सबसे उत्तम करियर लगा। तो कैसे रूही ने साकार किया अपना...

एनिमेटर कल्पनालोक के रचनाकार
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 02 Jul 2014 02:44 PM
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रूही सिन्हा हमेशा से एक ऐसा करियर चुनना चाहती थीं, जिसमें उनकी बौद्धिक क्षमता और सृजनात्मकता का समावेश हो सके। एनिमेटर बनना उन्हें अपने लिए सबसे उत्तम करियर लगा।

तो कैसे रूही ने साकार किया अपना सपना?
पत्रकार पिता और कलाकार मां की वजह से कलात्मकता के अंश मुझमें स्वाभाविक रूप से थे, जिसका प्रभाव मुझ पर पड़ा। एक बच्चे के रूप में मेरे भी कई शौक थे। कॉलेज के बाद मैंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करना शुरू किया, लेकिन जल्द ही मुझे लगा कि मैं इस काम के लिए नहीं बनी हूं। एक दिन जब मैं फाइंडिंग नीमो देख रही थी, तब मुझे पता लगा कि मेरी मंजिल कहां है। मैं एक जादुई संसार बनाना चाहती थी। इसके बाद मैंने खाली समय में एनिमेशन की किताबें पढ़नी शुरू कीं, अपनी नौकरी छोड़ दी और कम्प्यूटर ग्राफिक्स और गेम टेक्नोलॉजी में मास्टर्स करने पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी चली गई।’ लॉस एंजेल्स में रहने वाली रूही कहती हैं, ‘सौभाग्य की बात यह रही कि जब मैं वहां पर अपना अंतिम सेमेस्टर कर रही थी, मुझे ड्रीमवक्र्स में जॉब मिल गई।’

एनिमेशन फिल्म इंडस्ट्री तथा वीडियो गेम इंडस्ट्री में आर्टिस्ट और तकनीशियन के रूप में सात साल के अनुभव के साथ रूही ने कई फिल्मों पर काम किया है मसलन 'होम', 'हाऊ टू ट्रेन योर ड्रेगन 2', 'टबरे', 'कंग फू पांडा 2', 'मॉन्सटर्स वर्सेज एलियंस' तथा 'एएए रेटेड वीडियो गेम्स'। मुंबई तथा गोवा में पली-बढ़ी रूही ने ऑस्कर्स के लिए नामित तथा बेस्ट एनिमेटेड फीचर के लिए एनी अवॉर्ड जीतने वाली फिल्म 'द क्रूड्स' की टेक्निकल डायरेक्टर तथा लाइटिंग ऑर्टिस्ट के रूप में काम किया है।

अपनी इस उपलब्धि का कम न आंकने वाली रूही कहती हैं, ‘एक ऐसी फिल्म का हिस्सा होना गर्व की बात है, जो उसी कैटेगरी में नामित हुई हो, जिसमें हायो मियाजाकी (द विंड राइजिज के लिए नामित) जैसे क्रिएटिव
जीनियस हों।’
   
वह कहती हैं,‘जब मैंने 2005 में शुरुआत की थी, तब भारत में ऐसा कोई एनिमेशन कोर्स नहीं होता था, जिसमें इस क्षेत्र की पूरी जानकारी दी जाती हो कि कैसे एनिमेट करें और किस तरह से कम्प्यूटर पर तैयार होने वाली आकृतियों की फिजिक्स और मैथ्स काम करते हैं, विजुअल स्टोरी टेलिंग के सिद्धांत क्या हैं, फिल्म बनाने की कला क्या है और इस इंडस्ट्री की जरूरत क्या है।

‘भारत में छात्रों को सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के बारे में बताया जाता है, जिस पर वे आसानी से महारत हासिल कर लेते हैं। इस तरीके से नौकरी तो आसानी से मिल जाती है, लेकिन इस क्षेत्र में नाम कमाने वाला काम करना मुश्किल होता है।’
  
वह यह भी कहती हैं कि इस इंडस्ट्री के दिग्गजों के बराबर आने के लिए जरूरी है कि भारत के संस्थान तकनीक, कला और डिजाइन के मुद्दे पर कंप्यूटर ग्राफिक्स तथा एनिमेशन में विशेषज्ञता प्रदान करें।
  
एनिमेटर बनने के लिए जरूरी दक्षता के बारे में भ्रम को दूर करते हुए वह कहती हैं,‘एनिमेशन केवल उनके लिए है, जो ड्रॉ, डूडल या पेंट कर सकते हैं। यह हाथ से बने हुए एनिमेशन के लिए सही है, लेकिन 3डी एनिमेशन में आर्ट सबसे खास पहलू है और तकनीक भी समान रूप से महत्व रखती है। साथ ही यदि आप किसी क्षेत्र में विशेषज्ञ बन भी जाते हैं तो आपको समकालीन परिवेश से खुद को जोड़े रखना होगा और हमेशा एक ऑलराउंडर की तरह खुद को सक्रिय रखते हुए अपनी कलात्मकता में निरंतर सुधार करते रहना होगा।’
  
इस युवा एनिमेटर के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लोगों के साथ काम करना उसके काम का सबसे बेहतरीन पहलू है। वह कहती हैं,‘हर फिल्म में अलग तरह की चुनौतियां होती हैं। हमें महीनों तक काम करना होता है, कई बार सालों तक, तब जाकर 90 मिनट की फिल्म लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला पाती है। यह बात मुझे सबसे खूबसूरत लगती है।’

योग्यता
यदि आप बेहतर स्केच बना सकते हैं और एनिमेशन के प्रति उत्साही हैं तो एनिमेशन में डिग्री या डिप्लोमा करने के बाद इस क्षेत्र में जा सकते हैं। इस कोर्स के लिए न्यूनतम अपेक्षित योग्यता 12वीं है। यदि आपके पास आर्ट्स की पृष्ठभूमि है तो आपके लिए फायदेमंद होगा। बहरहाल आईडीसी, मुंबई में केवल ग्रेजुएट ऑफ आर्किटेक्चर, टेक्नोलॉजी एवं इंजीनियरिंग, तथा फाइन ऑटर्स वाले पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।

संस्थान
बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नोएडा
www.bitmesra.ac.in

इंडस्ट्रियल डिजाइन सेंटर (आईडीसी), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मुंबई
www.idc.iitb.ac.in
 माया एकेडमी ऑफ एडवांस्ड सिनेमेटिक्स (एमएएसी)
www.maacindia.com

टून्ज एकेडमी, तिरुअनंतपुरम
www.toonzacademy.com


दक्षता तथा योग्यता
- कल्पनाशीलता का भंडार हो
- रंगों, अनुपात और आकार की अच्छी समझ हो
- दबाव में दूसरों के साथ काम करने की क्षमता हो
- मजबूत व्यक्तिगत सम्प्रेक्षण की योग्यता हो, क्योंकि इस क्षेत्र में प्रोग्रामर्स, इलस्ट्रेटर्स, डिजाइनर्स तथा स्टोरीबोर्ड ऑर्टिस्ट के अलावा क्लाइंट के साथ निरंतर संपर्क में रहना पड़ती है।        

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