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पिछड़ी जातियों को एससी-एसटी में शामिल करने पर वाकआउट

विशेष संवाददाता/राज्य मुख्यालय। सत्रह पिछड़ी जातियों को एससी-एसटी की श्रेणी में शामिल किए जाने के मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट बसपा सदस्यों ने विधान पिरषद में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान सदन...

पिछड़ी जातियों को एससी-एसटी में शामिल करने पर वाकआउट
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 02 Jul 2014 12:17 AM
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विशेष संवाददाता/राज्य मुख्यालय। सत्रह पिछड़ी जातियों को एससी-एसटी की श्रेणी में शामिल किए जाने के मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट बसपा सदस्यों ने विधान पिरषद में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान सदन से बहिर्गमन कर दिया। उन्होंने मांग की कि सरकार पिछड़ी जातियों को एससी-एसटी कोटे में शामिल करने के साथ ही एससी-एसटी का कोटा बढ़ाने का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजे।

बसपा की हुस्ना सिद्दीकी ने समाज कल्याण मंत्री से जानना चाहा कि 17 पिछड़ी जातियों को एससीएसटी में न शामिल कर पाने का क्या कारण है? इस पर समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद ने स्पष्ट किया कि कहार जाति को एससी-एसटी में शामिल करने का जो शासनादेश जारी किया गया था, वह हाईकोर्ट के आदेश पर हुआ था।

इस मामले में उचित कार्रवाई करते हुए शासनादेश के स्थान पर नया शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस पर नेता प्रितपक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने जानना चाहा कि क्या सरकार पिछड़ी जातियों को एससी-एसटी में शामिल करने के चलते केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी कि इनका कोटा बढ़ाया जाए।

समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि पहले भारत सरकार जातियों को एससी-एसटी में शामिल कर ले तभी तो कोटा बढ़ाने के लिए कहा जा सकता है। जवाब से असंतुष्ट बसपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

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