मरने का हवाला देकर डेढ़ घंटे की बहस
सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिकाओं पर बहस करने वाले बहुत आते हैं और अपनी बात रखते हैं। जैसे ही वह सीमा से बाहर जाते हैं कोर्ट उन्हें चेतावनी देता है और वह मान जाते हैं। लेकिन सोमवार को एक 92 वर्षीय...
सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिकाओं पर बहस करने वाले बहुत आते हैं और अपनी बात रखते हैं। जैसे ही वह सीमा से बाहर जाते हैं कोर्ट उन्हें चेतावनी देता है और वह मान जाते हैं। लेकिन सोमवार को एक 92 वर्षीय एनआरआई ऐसा आया जिसने कोर्ट को ही उल्टे चेतावनी दे दी और डेढ़ घंटे तक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ को धुआंधार बहस सुनने के लिए मजबूर कर दिया। और बहस भी ऐसी, जिसका न सिर था न पैर।
लेकिन इंग्लैंड से आए वृद्ध का दावा था कि वह न्यायिक सुधार मिशन पर भारत आया है। उसने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के सामने यह जीवन का बेहतरीन अवसर है जब वह न्यायिक सुधार कर इतिहास में अपनी जगह बना सकते हैं। यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो न तो उन्हें इतिहास माफ करेगा और न हीं खुदा। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आरएम लोढा के सहयोगी जज जस्टिस कुरियन जोसेफ ने निर्मलजीत सिंह हूण को चेताया कि वह अपनी बात संक्षेप में कहें और यह बताएं कि वह चाहते क्या हैं।
आखिर कोर्ट में सुनवाई के लिए और भी मुकदमे हैं। पर हूण ने धुआंधार अंग्रेजी में कहा कि अगर वह पृष्ठभूमि की व्याख्या नहीं करेंगे, तो बेंच उसकी बात नहीं समझ पाएगी। उसने कहा कि मुझे बात कहने दीजिए हो सकता है मैं कल तक जिंदा न रहूं। यह सुनकर जस्टिस लोढा ने कहा कि आप जो चाहते हैं लिखकर दे दीजिए।
लेकिन हूण ने कहा कि वह न्यायिक सुधार पर मौखिक ही बोलेंगे, क्योंकि सब कुछ उनकी उंगलियों पर है। इस पर कोर्ट कक्ष में हंसी की लहर दौड़ गई क्योंकि कोर्ट में बिना लिखे कुछ नहीं होता। लेकिन हूण इससे विचलित नहीं हुए और पीठ की अनुमति से लेकर बैठ गए और बहस जारी रखी।
उठाए सवाल
- हूण का दावा न्यायिक सुधार के मकसद से वह ब्रिटेन से भारत आए हैं मामला अगस्त तक स्थगित
- एनआरआई ने कहा- मुख्य न्यायाधीश के सामने यह जीवन का बेहतरीन अवसर है जब वह न्यायिक सुधार कर इतिहास में अपनी जगह बना सकते हैं
जब अति हो गई और
भोजनावकाश का समय भी पार होने लगा तो पीठ ने कहा कि उनका मामला अगस्त के दूसरे हफ्ते के लिए स्थगित किया जा रहा है। हूण ने कहा कि यह लंबी डेट है क्योंकि उसे जीवन का भरोसा नहीं है। कोर्ट चाहे तो मामले को साप्ताहिक छुट्टी के दिन लगवा सकते हैं। लेकिन समझाने पर वह मान गए।
आरोप :
- हूण ने रिटायर हो गए तीन मुख्य न्यायाधीशों का नाम लेकर कहा कि उन्होंने 300 करोड़ का घोटाला किया है जिसकी जांच होनी चाहिए
- एक मुख्य न्यायाधीश पर जन्मतिथि में हेराफेरी का आरोप लगाया, कहा बावजूद दो पूर्व कानून मंत्रियों ने इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की