अवकाश का अर्थ
वह सुबह ग्यारह बजे तक सोते रहे, क्योंकि वह इतवार का दिन था। उन्होंने पूरी शाम टीवी से चिपककर गुजार दी। वह अकेले ऐसे नहीं हैं, जो छुट्टियां कुछ यों बिताते हैं। वह उन लाखों-करोड़ों लोगों की जमात की एक...
वह सुबह ग्यारह बजे तक सोते रहे, क्योंकि वह इतवार का दिन था। उन्होंने पूरी शाम टीवी से चिपककर गुजार दी। वह अकेले ऐसे नहीं हैं, जो छुट्टियां कुछ यों बिताते हैं। वह उन लाखों-करोड़ों लोगों की जमात की एक इकाई भर हैं, जिनके लिए रविवार का मतलब है अव्यवस्थित चौबीस घंटे। लेकिन, क्या छुट्टी का अर्थ यही है? मशहूर साइकोलॉजिस्ट और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम में अध्यापक डॉक्टर ट्यूने का कहना है- नहीं। संडे या छुट्टी का अर्थ है अपनी सोच को तरोताजा करना। वह कहते हैं कि सोच की रिचार्जिंग न सोचकर की जा सकती है और न ही निष्क्रिय रहकर। जरूरी यह है कि आप इस दिन चुनिंदा और दिलचस्प लोगों से मिलें। मशहूर डीजे लॉरेंट वॉल्फ, जिनके तनाव पर फोकस एक गीत- ‘नो स्ट्रेच’ ने पूरी दुनिया में धूम मचाई, कहते हैं कि किसी भी छुट्टी के दिन आप सोचें कि आप क्या हैं और क्या होना चाहते हैं। उस दिन आप प्रकृति के करीब जाएं, लोगों से घुलें-मिलें और अपने परिवार की चाह पूरी करें। आप पाएंगे कि आप रिचार्ज हो गए हैं और आपकी दृष्टि मामूली ही सही, परिष्कृत हुई है।
अवकाश का दिन काम के दिन से अधिक महत्वपूर्ण है। कॉरपोरेट जगत में एक नई सोच यह पनपी है कि अपने कामगारों के घरवालों का भी बीच-बीच में इंटरव्यू लिया जाए। इस इंटरव्यू में खासतौर से घर पर संबंधित कर्मचारी के क्रियाकलापों पर फोकस प्रश्न पूछे जाते हैं। यानी आपके ऑफिस आवर पर घर के वक्त का प्रभाव अधिक पड़ता है। घर पर सही समय बीता, तो ऑफिस में शायद उससे भी अधिक बीते। डेविड ह्वाट्र्ज अपनी किताब द मैजिक ऑफ थिंकिंग बिग में कहते हैं कि छुट्टी रिलैक्स करने भर का नाम नहीं। इस दिन आपकी मनोवैज्ञानिक भूख को खुराक चाहिए। मशहूर एंकर ओपरा विन्फ्रे कहती हैं, मनोवैज्ञानिक खुराक यानी सर्वश्रेष्ठ बनने का उद्देश्य खोजना, उसे पाना, उसे आत्मसात करना।