चुनाव पर नक्सली खतरा: बुलेटप्रूफ गाड़ियों से होगी पेट्रोलिंग
लोकसभा चुनाव पर मंडराते नक्सली खतर के मद्देनजर सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ित में पूरी एहतियात बरती जा रही है। मतदान के दौरान छोटे-छोटे ग्रुप में बंटे सुरक्षा बलों पर हमले की आशंका जताई जा रही है।...
लोकसभा चुनाव पर मंडराते नक्सली खतर के मद्देनजर सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ित में पूरी एहतियात बरती जा रही है। मतदान के दौरान छोटे-छोटे ग्रुप में बंटे सुरक्षा बलों पर हमले की आशंका जताई जा रही है। इसको ध्यान में रखकर नई रणनीति बनायी गयी है। इसके तहत अर्धसैनिक बलों को मतदान के दौरान क्लस्टर में एक खास प्वाइंट पर रखने की योजना है। मसलन करीब आठ-दस बूथों पर प्रतिनियुक्त किए जाने वाले सुरक्षा बल मतदान के एक दिन पहले किसी नियत स्थान पर क्लस्टर में जमा होंगे।ड्ढr ड्ढr रणनीति यही है कि एक साथ पचास सौ जवानों को रखा जाए ताकि किसी तरह की नक्सली गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। सूत्रों के अनुसार यह व्यवस्था इसलिए भी की जा रही है ताकि हथियार लूट जैसी घटनाएं न हों। पूर्व में कई बार टुकड़ों में बंटे सुरक्षा बलों के ग्रुप पर नक्सलियों ने गुरिल्ला तरीके से हमला कर हथियार लूटे हैं। खास बात यह है कि सभी नक्सल प्रभावित जिलों में सेना से खरीदी गयी माइन प्रोटेक्टेड गाड़ियां (एमपीवी) भेजी गयी हैं। इसके अलावा बुलेट प्रूफ जिप्सी भी उपलब्ध करायी गयी है। रोहतास, औरंगाबाद, गया और नवादा जिले में अतिरिक्त एमपीवी और बुलेट प्रूफ गाड़ियां भेजी गयी हैं।ड्ढr ड्ढr मतदान के दिन सुरक्षा बल इन्हीं गाड़ियों से पेट्रोलिंग करंगे। ऐसी आशंका है कि सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए नक्सली सड़कों और कच्चे रास्तों पर लैण्ड माइन लगा सकते हैं और मौका ताड़कर हमला भी बोल सकते हैं। पहले चरण की 13 लोकसभा सीटों में चार सीटें सासाराम, औरंगाबाद, गया और नवादा हार्डकोर नक्सली क्षेत्र में हैं। वहां अधिक खतर की आशंका जताई गयी है। यही वजह भी रही कि सिर्फ सासाराम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत चैनपुर और चेनारी विधान सभा क्षेत्र के 30 बूथों को स्थानांतरित कर दिया गया। इसके अलावा जमुई संसदीय क्षेत्र में 17 बूथों को बदल दिया गया। सासाराम, औरंगाबाद, गया और जमुई संसदीय क्षेत्र की 24 विधान सभा क्षेत्रों में मतदान का समय भी बदल दिया गया है।