बदल गई तबादला नीति
अब सरकारी अधिकारियों के लिए तीन वर्ष से अधिक समय तक एक ही जगह डटे रहना असंभव होगा। राज्य सरकार ने सरकारी सेवकों की स्थानांतरण-पदस्थापन संबंधी नीति एवं प्रक्रिया में संशोधन कर दिया है। अब तीन या अधिक...
अब सरकारी अधिकारियों के लिए तीन वर्ष से अधिक समय तक एक ही जगह डटे रहना असंभव होगा। राज्य सरकार ने सरकारी सेवकों की स्थानांतरण-पदस्थापन संबंधी नीति एवं प्रक्रिया में संशोधन कर दिया है। अब तीन या अधिक वर्ष से एक ही जगह पर जमे अधिकारियों का तबादला किसी भी हालत में कर दिया जाएगा। इस संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंगलवार की बैठक में मंजूरी दे दी।ड्ढr ड्ढr मुख्य सचिव आर.ो.एम. पिल्लै ने बताया कि पहले किसी विभाग के अधिकारियों की कुल संख्या के मात्र दस फीसदी अधिकारियों का ही तबादला होता था। इससे बहुत से अधिकारी सात-आठ वर्षो तक एक ही जगह पर डटे रहते थे। अब दस फीसदी की बाध्यता खत्म कर दी गयी है। मंत्रिमंडल ने दूसर राज्य के बिहार प्रशासनिक सेवा के अनुसूचित जाति के चार अधिकारियों की प्रोन्नति निरस्त कर दी है। मंत्रिमंडल ने बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व अन्य सदस्यों की सेवा शर्त नियमावली को मंजूरी दे दी। इस प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। इसके अलावा आठ सदस्य रहेंगे जिनमें एक उपाध्यक्ष होंगे।ड्ढr ड्ढr उपाध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा जबकि सदस्यों को राज्यमंत्री की हैसियत मिलेगी। मंत्रिमंडल ने नेशनल इंस्टीच्यूट आफ फैशन टेक्नोलॉजी के लिए मीठापुर में 10 एकड़ जमीन की स्वीकृति दे दी है। मुख्य सचिव ने कहा कि इसके निर्माण के लिए सरकार राशि दे रही है जबकि आगे रकरिंग खर्च निफ्ट करगी। उन्होंने बताया कि निफ्ट की पढ़ाई इसी सत्र से शुरू होगी। तात्कालिक व्यवस्था के रूप में बियाडा भवन की एक मंजिल उन्हें दी गई है।ं