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तीन माह से बंद है शिक्षक-कर्मियों का वेतन

तीन माह से विश्वविद्यालय शिक्षक व कर्मचारियों का वेतन बंद है। लगभग तीन सालों बाद उनको इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ सरकार उच्च शिक्षा के विकास के दावे कर रही है और उसमें सुधार के वादे भी...

 तीन माह से बंद है शिक्षक-कर्मियों का वेतन
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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तीन माह से विश्वविद्यालय शिक्षक व कर्मचारियों का वेतन बंद है। लगभग तीन सालों बाद उनको इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ सरकार उच्च शिक्षा के विकास के दावे कर रही है और उसमें सुधार के वादे भी किए जा रहे हैं। वही दूसरी तरफ शिक्षक व कर्मचारियों का वेतन बंद होने से उनके समक्ष भुखमरी की नौबत है। इस स्थिति में कैसे होगा उच्च शिक्षा का विकास।ड्ढr ड्ढr सरकार द्वारा बजट में विश्वविद्यालयों को दिए जाने वाले अनुदान को पास तो कर दिया गया लेकिन अभी तक राशि निर्गत नहीं की जा सकी है। इसका कारण अनुदान राशि से संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट में नहीं भेजा जाना बताया जा रहा है। कैबिनेट की अनुमति के बाद ही शिक्षकों को वेतन मुहैया कराया जा सकेगा।ड्ढr दूसरी तरफ वेतन न मिलने की मार झेल रहे शिक्षकों की स्थिति लगातार दयनीय होती जा रही है। इस संबंध में मगध विवि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. ठाकुर अवनींद्र कुमार सिंह का कहना है कि हमारी स्थिति तो दयनीय हो गयी है। बनिया अनाज देने से कतरा रहा है। छुट्टी का समय है और कर्मचारियों व शिक्षकों को काम पर लगा दिया गया है। मगध विवि प्रशासन द्वारा इसी छुट्टी के मौसम में परीक्षा व कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य कराया जा रहा है और वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। हम इसका विरोध करते हैं। इस तरह की स्थिति केवल मगध विवि में नहीं बल्कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में है। विश्वविद्यालयों में कार्यरत लगभग नौ हाार शिक्षक व 30 हाार कर्मचारियों के समक्ष दाल-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है।ड्ढr ड्ढr इस संबंध में पटना विवि शिक्षक संघ के महासचिव डा. रणधीर कुमार सिंह का कहना है कि अभी छुट्टी व नामांकन का समय है। अभी अगर वेतन नहीं मिलता है तो समस्या गंभीर होगी। उन्होंने कहा कि पटना विवि प्रशासन आंतरिक श्रोतों से शिक्षक व कर्मचारियों को वेतन दे रहा है लेकिन सरकार द्वारा राशि जारी न करने की स्थिति में यहां के शिक्षकों पर भी प्रभाव पड़ेगा। जनवरी व फरवरी का वेतन तो आयकर में गया और मार्च से वेतन बंद होने से शिक्षकगण किसी प्रकार के कार्यक्रम नहीं बना पा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से तत्काल शिक्षकों के इस समस्या पर ध्यान देने की मांग की है।

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