यूपीए की रट छोड़े कांग्रेस : करात
माकपा महासचिव प्रकाश करात का दावा है कि केंद्र में अगली सरकार बनाने के लिए तीसर मोर्चे व वाम दलों के अलावा किसी और गठबंधन को मौका नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि चूंकि यूपीए पूरी तरह बिखर चुका, कांग्रेस...
माकपा महासचिव प्रकाश करात का दावा है कि केंद्र में अगली सरकार बनाने के लिए तीसर मोर्चे व वाम दलों के अलावा किसी और गठबंधन को मौका नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि चूंकि यूपीए पूरी तरह बिखर चुका, कांग्रेस यूपीए की रट लगाना छोड़े। उन्होंने स्पष्ट किया कि तीसरा मोर्चा, वाम दल या बसपा किसी भी सूरत में कांग्रेस को समर्थन नहीं देंगे। ऐसी स्थिति आने पर चुनाव नतीजों के बाद खुद कांग्रेस को तय करना होगा कि उसे क्या करना है? ‘हिन्दुस्तान’ से इंटरव्यू में करात ने कहा कि कांग्रेस को इस बार सत्ता मिलने की खुशफहमी छोड़नी क्यों कि तीसरे मोर्चे की पार्टियां व वामपंथी कांग्रेस को समर्थन देने के बजाय विपक्ष में बैठना ज्यादा पंसद करंगी। उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल होने के मामले में वाम दलों में कोई दुविधा नहीं है, बशर्ते वह गैर कांग्रेस सेकुलर दलों की हो। यह पूछे जाने पर क्या उनकी पार्टी ऐसी सरकार का नेतृत्व करने को तैयार हैं, करात ने जवाब दिया कि पीएम कौन बनेगा, भारत जसी संसदीय व्यवस्था में कोई बड़ा मसला मुद्दा नहीं होता। चुनाव के बाद साझा सरकार में पीएम का नाम तय होता है। स्वयं कांग्रेस ने 2004 में यही किया था। बकौल करात, आम चुनावों के पहले सिर्फ राष्ट्रपति प्रणाली में पूछा जाता है कि कौन होगा सरकार का नेता। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस उनकी सरकार को बाहर से समर्थन देगी? करात ने कहा कि यह फैसला कांग्रेस को करना होगा कि वह भाजपा को फायदा पहुंचाएगी या सेकुलर सरकार के गठन में मदद करगी। यूपीए के ज्यादातर घटक कई जगह एक-दूसर के खिलाफ मैदान में हैं। मसलन तमिलनाडु में डीएमके और झारखंड में जेएमएम तो साथ है लेकिन सपा, आरोडी, लोजपा व एनसीपी जसी यूपीए की अहम सहयोगी पार्टियां कांग्रेस को हराने के लिए सब कुृछ दांव पर लगा चुकी हैं।