अगले साल से बदलेगी स्कूली शिक्षा की सूरत
अगले साल से बिहार में स्कूली शिक्षा की शक्लो-सूरत बदल जाएगी। एससीईआरटी ने कक्षा एक से बारहवीं तक के लिए नई पाठय़चर्या तैयार कर ली है। इसके साथ ही अपनी अलग पाठय़चर्या बनाने वाला बिहार पहला राज्य बन गया...
अगले साल से बिहार में स्कूली शिक्षा की शक्लो-सूरत बदल जाएगी। एससीईआरटी ने कक्षा एक से बारहवीं तक के लिए नई पाठय़चर्या तैयार कर ली है। इसके साथ ही अपनी अलग पाठय़चर्या बनाने वाला बिहार पहला राज्य बन गया है। इसमें कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए विशेष शिक्षा और राज्य की सांस्कृतिक जरूरतों को कोर्स में शामिल करने पर विशेष जोर दिया गया है। प्रधान शिक्षा सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि सरकार ने नई पाठय़चर्या को सिद्धांत रूप में मंजूरी दे दी है। इसके मद्देनजर वर्ष 200े सत्र से बिहार में नई पाठय़चर्या लागू हो जाएगी। मानव संसाधन विकास विभाग की देख-रख में हर कक्षा के लिए सिलेबस और किताबें तैयार करने का काम चल रहा है। श्री सिंह ने बताया कि अन्य जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद नया सिलेबस लागू कर दिया जाएगा।ड्ढr ड्ढr नया कैरिकुलम बनाने को एससीईआरटी द्वारा गठित बिहार पाठय़चर्या समिति से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें छात्रों की व्यक्ितगत क्षमताओं के विकास पर खास ध्यान दिया है। समिति का मानना है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों की झोपड़पट्टियों में बड़ी तादाद में रहने वाले वंचित वर्ग के बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त संवेदनशील शिक्षकों और खास शैक्षिक रणनीति की जरूरत है। समिति 2006 से ही राज्य की स्कूली शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन लाने के काम को अंजाम देने में जुटी थी। बिहार के लिए पाठय़चर्या बनाने में राष्ट्रीय पाठय़चर्या : 2006, कोठारी आयोग और यशपाल समिति की रिपोर्ट, एनसीईआरटी की पर्यावरण शिक्षा और हरित पाठय़चर्या की अनुशंसाओं की भी मदद ली गई है।