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Hindi News मुझे बल्लेबाजी में ऊचचपर आना चाहिए था : धोनी

मुझे बल्लेबाजी में ऊचचपर आना चाहिए था : धोनी

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने स्वीकार किया कि उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में ऊपर नहीं आकर गलती की। भारत को शनिवार को त्रिकोणीय एक दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में पाकिस्तान के हाथों 25 रन से...

 मुझे बल्लेबाजी में ऊचचपर आना चाहिए था : धोनी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने स्वीकार किया कि उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में ऊपर नहीं आकर गलती की। भारत को शनिवार को त्रिकोणीय एक दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में पाकिस्तान के हाथों 25 रन से पराजय झेलनी पड़ी। धोनी ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हां मुझसे गलती हुई है। मुझे सुरेश रैना से पहले छठे नम्बर पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरना चाहिए था। हालांकि मैंने रैना को पहले भेजने का फैसला सकारात्मक योजना के तहत किया था। यदि युवराज सिंह क्रीज पर टिककर खेलते और रैना एक-एक रन लेते हुए स्ट्राइक रोटेट करते रहते तो हम 40 ओवर के बाद अच्छी स्थिति में होते। उसके बाद मेरे और इरफान पठान के लिए जीत के लिए जरूरी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं होता।’ उन्होंने कहा, ‘यह पिच बहुत सपाट थी और यहां पर आखिरी सात ओवर में यदि आपके पास विकेट हाथ में होते तो 300 रन का लक्ष्य भी आसानी से हासिल किया जा सकता था। हमें शुरू में अच्छी शुरुआत नहीं मिल सकी थी और नियमित अंतराल पर हमारे विकेट भी गिरते रहे थे।’ धोनी ने कहा, ‘हमें प्रतिओवर छह के औसत से रन बनाने थे जिसके लिए कुछ खतरे उठाकर शॉट खेलने थे। लेकिन हमारे बल्लेबाजों ने कई ऐसे खराब शॉट खेले जो सीधे फील्डरों के हाथों में गए और उन्हें गेंद पकड़ने के लिए जरा भी इधर-उधर भी नहीं होना पड़ा। इसके कारण हम लगातार विकेट गंवाते रहे।’ उन्होंने साथ ही कहा कि भारतीय पारी के दौरान ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों के बीच अच्छी साझेदारी नहीं बन पाना भी टीम की हार का एक कारण रहा। यदि ऊपरी बल्लेबाजों के बीच एक दो भी अच्छी साझेदारी हुई होती तो बाद में टीम पर इतना दबाव नहीं पड़ता। धोनी ने शीर्ष क्रम की असफलता को भी हार का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने शुरुआत तो अच्छी की लेकिन कोई बड़ी साझेदारी नहीं कर सके।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हमारे शीर्ष क्रम के बल्लेबाज जिम्मेदारी से खेलते तो 315 रन का स्कोर इस सपाट पिच पर कोई बहुत बड़ा लक्ष्य नहीं होता और हम जीत सकते थे।’ धोनी ने पाकिस्तानी बल्लेबाजों सलमान बट और यूनुस खान की तारीफ करते हुए कहा, ‘यह दोनों बल्लेबाज कामरान अकमल के रूप में एक जल्दी झटका लगने के बाद भी रन बनाते रहे और टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में मदद की। उन्होंने हमारे गेंदबाजों को आसानी से खेला और कुछ अच्छे शॉट लगाए। बट और यूनुस की धुनाई से हमारे गेंदबाज दबाव में आ गए और हम कभी इससे उबर नहीं पाए।’ बट और यूनुस के शतकों की मदद से पाकिस्तान ने बड़ा स्कोर खड़ा कर लिया।ड्ढr धोनी ने कहा, ‘यूनुस ने स्क्वायर लेग की तरफ खूब रन बटोरे। आप उस क्षेत्र में बहुत कम समय ही क्षेत्ररक्षक लगाते हैं। वह ऑफ स्टंप की बाहर की गेंदों को इस क्षेत्र में खेलकर चौका लगाते रहे। वह गेंदबाजों पर हावी हुए और उन्हें इसका फायदा मिला।’ उन्होंने माना कि पाकिस्तानी बल्लेबाजी के सामने वह लाचार नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा, ‘उनके रनों की धारा को रोकना मुश्किल हो रहा था। हमने सारे तरीके अपनाए। गेंदबाजों ने कुछ गलतियां कीं, लेकिन आप उन पर दोषारोपण नहीं कर सकते। पाकिस्तान की बल्लेबाजी ही गजब की रही।’

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