भाजपा में चुनाव के ऐन पहले सामने आई अंदरूनी कलह
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो। नरेंद्र मोदी की मुजफ्फरपुर रैली से आठ प्रमुख नेताओं की गैरमौजूदगी की खबर पलक झपकते केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंची। इसके साथ ही दिल्ली से डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू हुई। बताया...
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो। नरेंद्र मोदी की मुजफ्फरपुर रैली से आठ प्रमुख नेताओं की गैरमौजूदगी की खबर पलक झपकते केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंची। इसके साथ ही दिल्ली से डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू हुई। बताया गया कि नाराजगी का सबब जाने के लिए एक राष्ट्रीय नेता ने रैली से गायब रहे प्रमुख नेता को फोन किया। उस समय नरेंद्र मोदी मुजफ्फरपुर से पटना लौटे ही थे।
‘नेता’ ने अपनी नाराजगी की वजह बता दी। यह भी बताया कि किस तरह रैली में जाने के उनके तय कार्यक्रम में अड़ंगा लगाकर उनको अपमानित किया गया। मगर बात यहीं नहीं रुकी। आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए रात को भी इन नेताओं की बैठक ‘फायरब्रांड’ नेता के आवास पर हुई।
वहां भी दिल्ली वाले नेताजी का फोन गया और बारी-बारी से सबसे बात की। सबने अपनी-अपनी भड़ास निकाली। आश्वास्त किया गया कि नाराजगी दूर की जाएगी। साथ ही यह नसीहत भी दी गई कि इससे पार्टी की छवि खराब हो रही है।
लिहाजा कुछ ऐसा हो कि एकजुटता का मैसेज जाए। डैमेज कंट्रोल के तहत ही सोमवार की सुबह भाजपा चुनाव समिति की बैठक में इन सभी को खास तौर से न्योता गया। वहां अपना गुब्बार निकालने के बाद ये नेता कुछ शांत हुए और नमो के गुणगान में लग गए। विरोध की इस पूरी कड़ी को एक सूत्र में पिरोने की कवायद में दो युवा नेताओं की प्रमुख भूमिका बताई जाती है।