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संवाद..सालभर से बन रही सड़क, पूरी कब होगी?

भागलपुर। कार्यालय संवाददाता सबौर से रोज पढ़ने के लिए शहर आते हैं। लेकिन सड़क इतनी खराब है कि आजे-जाने में हालत खराब हो जाती है। सालभर से सड़क बन रही है, लेकिन कहीं भी नहीं बन सकी है। हद तो यह है कि...

संवाद..सालभर से बन रही सड़क, पूरी कब होगी?
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 03 Mar 2014 11:21 PM
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भागलपुर। कार्यालय संवाददाता सबौर से रोज पढ़ने के लिए शहर आते हैं। लेकिन सड़क इतनी खराब है कि आजे-जाने में हालत खराब हो जाती है। सालभर से सड़क बन रही है, लेकिन कहीं भी नहीं बन सकी है। हद तो यह है कि घंटाघर के पास भी आधी-अधूरी सड़क है। घर से बाजार निकलते हैं और जब तक वापस नहीं आते हैं तब तक परिवार के लोग चिंतित रहते हैं। प्रतियोगी परीक्षा का केंद्र दूसरे राज्यों में होता है। लेकिन मां-पिता अकेला नहीं जाने देते।

अभिभावक साथ में जाते हैं। कई बार उनके पास समय नहीं होता है और परीक्षा देने नहीं जा पाते हैं। आखिर यह स्थिति कब बदलेगी। यह पीड़ा सुरभि, दीपिका, जूही एवं निशा कुमारी सिंह की है। सोमवार को हिन्दुस्तान के संवाद कार्यक्रम में सड़क, सुरक्षा, हवाई सेवा, बाइपास, डीआरएम कार्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय, कॉलेजों में शिक्षकों की कमी, शिक्षा के गिरते स्तर सहित कई अन्य मुद्दे उठे। रसिरे्च फोरम के ओम सुधा ने कहा कि आजतक किसी पार्टी के उम्मीदवार के एजेंडा में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय क्यों नहीं है।

यह अंगप्रदेश का अकेला विवि है। इसके तहत 29 अंगीभूत कॉलेज हैं। लेकिन कहीं शिक्षक नहीं हैं तो कहीं संसाधन का अभाव है। इतना ही नहीं, नाथनगर के पास झोपड़पट्टी में रहनेवालों की स्थिति हमेशा से एक सी दिखती है। लेकिन सामाजिक न्याय भी उनके एजेंडे में शामिल नहीं है। ऐसी स्थिति में कैसे सूरत बदलेगी। इसके लिए हमसबको मिलकर ज्यादा से ज्यादा वोट डालने होंगे। डा. दीपक कुमार दिनकर ने कहा कि यहां रोजगार के साधन नहीं है। इस कारण से युवा लगातार पलायन कर रहे हैं।

इससे भी मतदान प्रतिशत में कमी आ रही है। हवाई सेवा शुरू होती तो बढ़ता कारोबार हिन्दुस्तान के संवाद कार्यक्रम में लोगों ने हवाई सेवा का मुद्दा उठाया। इसको लेकर अब तक केवल राजनीति ही हुई है। भागलपुर विश्वविद्यालय सेवारत शिक्षक संघ के महासचवि शंभु प्रसाद सिंह ने बताया कि हवाई सेवा की सुविधा नहीं होने से विश्वविद्यालय में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के शिक्षक नहीं आना चाहते हैं। आखिर अब तक यह सेवा क्यों नहीं शुरू हो सकी है।

अग्रवाल मंच के बनवारीलाल लाल खेतान ने बताया कि अगर यह सेवा शुरू होती तो यहां का कारोबार भी बढ़ता है। लेकिन सांसद-विधायक आपस में लड़ रहे हैं। उन्हें यहां के लोगों की कोई चिंता नहीं है। टीएनबी कॉलेज के शिक्षक ने कहा कि यहां से बाहर जाने के लिए हवाई सेवा तो दूर की बात ट्रेनों की भी समस्या है। विक्रमशिला एक्सप्रेस को नई दिल्ली की जगह आनंद वहिार कर दिया गया है। रेल मंडल बनाने के नाम पर केवल आश्वासनभागलपुर में रेल मंडल कार्यालय को लेकर बारबार सपना दिखाया गया।

लेकिन किसी दल ने कुछ नहीं किया। हर चुनाव में इसे जनप्रतिनिधियों ने मुद्दा बनाया, लेकिन जीत जाने के बाद किसी का इस ओर कोई ध्यान नहीं गया। हर मुद्दे पर केवल राजनीति हो रही है। समाजसेवी प्रकाश चंद्र गुप्ता ने कहा कि डीआरएम कार्यालय को लेकर शहरवासियों ने आंदोलन भी किए। लेकिन इसका भी कोई असर जनप्रतिनिधियों पर नहीं हुआ। जो भी यहां आए, वे केवल वादा करके और आश्वासन देकर भूल गए। प्रत्याशी बताएं अपनी योजनाएंबिहार डेवलपमेंट ट्रस्ट के देव कुमार दुबे ने कहा कि सभी उम्मीदवारों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाए।

वहां उनसे पूछा जाए कि शहर के विकास के लिए उनके पास क्या योजनाएं हैं। महिला कोषांग की विजया मोहिनी ने मांग की कि उम्मीदवार समाचार पत्र के माध्यम से अपने घोषणा पत्र को जनता के सामने लाएं। वोट के ठेकेदारों पर लगे अंकुशनागरिक विकास संघ के श्रवण कुमार शर्मा ने कहा कि जनप्रतिनिधि लगातार जनता की अनदेखी कर रहे हैं। आज तक मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल सकी हैं। कुछ लोग वोट डलवाने का ठेका लेते हैं। उन पर भी अंकुश लगाने की जरूरत है।

मो. शमशेर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत इसलिए ज्यादा होता है, क्योंकि वहां कुछ लोग ऐसे होते हैं जो वोट डलवाने के लिए जनप्रतिनिधि से पैसा लेते हैं।

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