शकील अहमद ने दिया अपनी सीट छोड़ने का प्रस्ताव
लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से बिहार में गठबंधन के प्रयासों में आ रहे तनाव को देखते हुए कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि वह धर्मनिरपेक्ष गठबंधन के लिये लोकसभा की सीट पर अपना दावा छोड़ने...
लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से बिहार में गठबंधन के प्रयासों में आ रहे तनाव को देखते हुए कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि वह धर्मनिरपेक्ष गठबंधन के लिये लोकसभा की सीट पर अपना दावा छोड़ने को तैयार हैं।
अहमद ने 2004 के चुनावों में मधुबनी सीट पर जीत हासिल की थी और इस बार भी इस सीट पर चुनाव लड़ने को इच्छुक थे, लेकिन राजद भी इस सीट पर नजर टिकाये हुए है, क्योंकि 2009 के लोकसभा चुनावों में यहां दूसरे नंबर पर रहे उसके नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी भी यह सीट छोड़ने के मूड में नहीं नजर आ रहे हैं।
गत लोकसभा चुनावों में मधुबनी से भाजपा के हुकुमदेव नारायण यादव विजयी हुए थे और अहमद तीसरे स्थान पर थे। अहमद ने कहा कि जब मुद्दा बड़ा हो और राष्ट्रीय हित में दावे काफी मायने रखते हों, तो व्यक्ति कोई मायने नहीं रखता। मेरे दावे की वजह से कोई धर्मनिरपेक्ष गठबंधन नहीं टूटना चाहिये। मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं और पार्टी जो भी निर्णय लेगी मैं उसका पालन करूंगा।
अहमद ने यह टिप्पणी बिहार चुनाव के लिये जांच समिति के प्रभारी पीसी चाको से भेंट के बाद की। कांग्रेस ने 2004 के चुनाव राजद और रामविलास पासवान की लोजपा के साथ मिलकर लड़ा था और गठबंधन को बिहार से लोकसभा की 40 में से 29 सीटों पर विजय मिली थीं। उस समय पार्टी को मधुबनी, सासाराम और औरंगाबाद लोकसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी।
वर्ष 2009 के चुनाव कांग्रेस ने अकेले लड़ा, क्योंकि राजद और लोजपा से सीटों पर तालमेल नहीं बन पाया। पार्टी को केवल सासाराम और किशनगंज सीटें मिलीं। इस बार पासवान ने भाजपा से तालमेल किया है, जबकि राजद ने कांग्रेस को 11 सीटें देने की पेशकश की है और उससे आज तक इस पर फैसला करने को कहा है।