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मित्रता हो तो श्रीकृष्ण-सुदामा की तरह : गौरवकृष्ण जी

मारवाड़ी भवन में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सोमवार को श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र के साथ संपन्न हो गया। कथावाचक गौरवकृष्ण गोस्वामी जी का प्रवचन और उसे जीवंत करती झांकी आकर्षण बनी रही। गोस्वामी जी...

 मित्रता हो तो श्रीकृष्ण-सुदामा की तरह : गौरवकृष्ण जी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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मारवाड़ी भवन में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सोमवार को श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र के साथ संपन्न हो गया। कथावाचक गौरवकृष्ण गोस्वामी जी का प्रवचन और उसे जीवंत करती झांकी आकर्षण बनी रही। गोस्वामी जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच भगवान की मित्रता का बखान करते हुए कहा कि दोस्ती हो तो श्रीकृष्ण-सुदामा जसी। उन्होंने कहा कि जब तक सुदामा भगवान से दूर थे, वह गरीबी की मार झेलते रहे, लेकिन जसे ही भगवान की शरण में पहुंचे। प्रभु ने उनका सारा दु:ख हर लिया।ड्ढr गौरवकृष्ण जी ने लोगों को बताया कि रुक्मणी, लक्ष्मी और कृष्ण का रूप नारायण है। लक्ष्मी सिर्फ नारायण के श्रीचरणों में ठहरती हैं, लेकिन व्यक्ित अज्ञानवश नारायण को छोड़ लक्ष्मी के पीछे भागते रहते हैं। अंत में फूलों की होली का श्रद्धालुओं ने लुफ्त उठाया। कथा अपराह्न् तीन से रात आठ बजे तक चली। इस बीच सेवा कार्यो में लगे भक्तों को गोस्वामी जी ने राधा-कृष्ण का स्मृति चिह्न् देकर आशीर्वाद दिया। इससे पूर्व मुख्य यजमान हरिशंकर परसरामपुरिया ने गौरवकृष्ण जी से आशीर्वाद लिया। प्रमोद सारस्वत ने कथा के सफल संचालन और इसमें लगातार भाग लेने रहे श्रद्धालुओं का आभार प्रकट करते उन्हें धन्यवाद दिया। ं

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