हर निवाले पर आफत
या खायें, क्या पीयें, कैसे बचायें इज्जत ? यह सवाल हर आम आदमी के सामने मुंह बाये खड़ा है। महंगाई की वजह से अब हर निवाले पर आफत है। रो कमाने-खानेवालों की हालत सबसे खराब है। चावल, दाल, आटा, सब्जी,...
या खायें, क्या पीयें, कैसे बचायें इज्जत ? यह सवाल हर आम आदमी के सामने मुंह बाये खड़ा है। महंगाई की वजह से अब हर निवाले पर आफत है। रो कमाने-खानेवालों की हालत सबसे खराब है। चावल, दाल, आटा, सब्जी, मसाला-सबकी कीमतों में आग लगी है।ड्ढr एक साल में पेट्रोल-डीजल के दाम में 10 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गयी है। पेट्रोल और गैस के बढ़े मूल्यों का बाजार पर गहरा असर है। परचून दुकानदार अशोक कुमार बताते हैं कि महंगाई के कारण ग्राहकों से रोज बकझक होती है। कई वस्तुओं के तो प्रतिदिन दाम बढ़ जाते हैं।ड्ढr शिव कुमार के अनुसार महंगाई रोकने में सरकार नाकाम रहती है। जरुरी वस्तुओं के बढ़ते दामों पर लगाम लगानी चाहिए। प्रमोद अग्रवाल कहते हैं आम आदमी को रोटी, कपड़ा और मकान मिलना चाहिए। सरकारी उपाय बेअसर है। नवरत्न शर्मा कहते हैं कि भीषण महंगाई से जेब तंग हो गयी है। महंगाई बढ़ने की रफ्तार आय की रफ्तार से तेज हो गयी है। जान पर आफत आ गयी है। गृहणी सरोज चौधरी कहती है कि महंगाई के कारण परिवार के सदस्यों के बीच खटपट होने लगी है। श्वेता के अनुसार महंगाई का प्रभाव महिलाओं पर ज्यादा पड़ता है। सामानजून की दर वर्तमान दरड्ढr (प्रति किलो)ड्ढr चावल मध्यम16 रुपये 17 रुपयेड्ढr चावल फाइन22 रुपये23 रुपयेड्ढr गेहूं13 रुपये14 रुपयेड्ढr आटा14 रुपये14 रुपयेड्ढr दाल अरहर38 रुपये40 रुपयेड्ढr दाल मसूर छांट42 रुपये43रुपयेड्ढr दाल मूंग34 रुपये35 रुपयेड्ढr दाल चना30 रुपये32 रुपयेड्ढr दाल उरद 30 रुपये30 रुपयेड्ढr दाल मटर26 रुपये28 रुपये