फोटो गैलरी

Hindi News जसे भी हो समय पर ऑडिट रिपोर्ट दें विश्वविद्यालय: सरकार

जसे भी हो समय पर ऑडिट रिपोर्ट दें विश्वविद्यालय: सरकार

विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनियमितताओं पर राज्य सरकार ने अपने तेवर सख्त कर लिए हैं। मानव संसाधन विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों को हड़काया है कि ऑडिटरों की कमी का रोना नहीं चलेगा। जैसे भी हो बाहर...

 जसे भी हो समय पर ऑडिट रिपोर्ट दें विश्वविद्यालय: सरकार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनियमितताओं पर राज्य सरकार ने अपने तेवर सख्त कर लिए हैं। मानव संसाधन विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों को हड़काया है कि ऑडिटरों की कमी का रोना नहीं चलेगा। जैसे भी हो बाहर से ठेके पर ऑडिटर लें या चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) से कराएं मगर विभाग को समय पर इंटरनल ऑडिट रिपोर्ट चाहिए।ड्ढr ड्ढr मानव संसाधन विकास मंत्री हरिनारायण सिंह के साथ हुई कुलपतियों की बैठक में इस मामले में जब विश्वविद्यालयों की नकेल कसी गई तो उनका तर्क था कि ऑडिटरों के अभाव में वे अपने आय-व्यय का रिकार्ड अद्यतन नहीं रख पा रहे हैं। तभी यह तथ्य भी सामने आया कि किसी भी विवि ने वर्ष 2007-08 के आय-व्यय का ऑडिट नहीं कराया है। इस पर उनको जून से अगस्त तक का समय ऑडिट कराने के लिए दिया गया मगर वित्तीय पदाधिकारियों का रोना था कि अपने ऑडिटर के अभाव में वे समय पर ऑडिट रिपोर्ट पेश नहीं कर सकते हैं।ड्ढr ड्ढr विभाग की तरफ से तत्काल उनको निर्देश दिया गया है कि जिन विश्वविद्यालयों में अंकेक्षकों के पद स्वीकृत हैं परन्तु रिक्त हैं, उनके विरुद्ध यथाशीघ्र नियमानुसार नियुक्ित की कार्रवाई की जाए। साथ ही जहां पद स्वीकृत नहीं हैं, संबंधित विवि इसके लिए विभाग को विधिवत प्रस्ताव भेजें। इस बीच तत्काल संविदा के आधार पर सेवा निवृत्त अंकेक्षक या सीए से आंतरिक अंकेक्षण की कार्रवाई नियमानुसार की जाए। मगर हर हाल में समय सीमा पूरी होने से पहले सभी विवि अपनी-अपनी इंटरनल ऑडिट रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध करा दें।सूबे के सभी नौ विश्वविद्यालयों को अपनी अंदरूनी ऑडिट रिपोर्ट में निर्धारित स्रेतों से प्राप्त आय, राज्य सरकार से मिले योजनांर्तगत एवं गैर योजनांर्तगत अनुदान तथा अन्य बाहरी स्रेतों से प्राप्त आय-व्यय का मदवार ब्योरा देना है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें