हिमालय ने प्रपोज किया और मैं उसकी हो गई
मेरा प्रेमी महान है और सबसे रोमांटिक भी। उसने मुझे प्रोपोज किया और मैं उसकी हो गई। वेलेंटाइन वीक के दौरान भारत की पहली एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल ने कुछ इस अंदाज में अपनी भावनाएं बयां की। बछेंद्री...
मेरा प्रेमी महान है और सबसे रोमांटिक भी। उसने मुझे प्रोपोज किया और मैं उसकी हो गई। वेलेंटाइन वीक के दौरान भारत की पहली एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल ने कुछ इस अंदाज में अपनी भावनाएं बयां की। बछेंद्री पाल के लिए प्रकृति की गोद में बैठा हिमालय ही उनका प्रेमी और महबूब है। वेलेंटाइन वीक के मौके पर जब पद्मश्री से अलंकृत बछेंद्री पाल से बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘ हिमालय पर्वत से प्यार ने मुझे इतना प्रभावित किया कि किसी और के बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिला।’
प्रकृति को महबूब समझें: बछेंद्री अपने प्यार से संदेश भी देती हैं। उनका कहना है कि प्रकृति से मुझे प्रेम है और वही मेरा महबूब है। प्रकृति एक महान शिक्षक, मार्गदर्शक और शोधक (प्यूरीफायर) है। इसलिए हर इंसान को प्रकृति से प्रेम करना चाहिए। व्यावहारिक जीवन को सुखी रखने के लिए प्रेम करना जरूरी है और यह प्रेम यदि प्रकृति से हो तो सुखमय जीवन की आयु काफी लंबी होती है।
नजरिया बदल जायेगा: 1981 में एवरेस्ट पर चढ़ने का प्रशिक्षण अभियान शुरू करने वाली बछेंद्री पाल कहती हैं कि प्रकृति से प्रेम करने और उसे अनुभव करने के लिए थोड़ा समय निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1984 में एवरेस्ट फतह करने के बाद मैं दुनियाभर के लोगों से जुड़ गई। फिर टाटा स्टील से जुड़ने के बाद निजी तौर पर हिमालय से जुड़े रहने का ऐसा दायित्व मिला कि फिर किसी और को मैंने प्राथमिकता नहीं दी।