मसूरी में खुलेगा हिमालयन ग्लेशियोलॉजी का सेंटर
नई दिल्ली विशेष संवाददाता। भीषण प्राकृतिक आपदा से प्रभावित उत्तराखंड के पुनर्निर्माण के तहत केंद्र सरकार राज्य में संचार और शोध की सुविधाओं को वशि्वस्तरीय बनाने के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक की...
नई दिल्ली विशेष संवाददाता। भीषण प्राकृतिक आपदा से प्रभावित उत्तराखंड के पुनर्निर्माण के तहत केंद्र सरकार राज्य में संचार और शोध की सुविधाओं को वशि्वस्तरीय बनाने के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाएं तैयार कर रही है। योजना आयोग इनका खाका बना रहा है।
जल्द ही कैबिनेट की मुहर लगने के बाद ये योजनाएं अमल में आ जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक पुनर्निर्माण के तहत 211 करोड़ रुपये के बजट से मसूरी में नेशनल सेंटर फॉर हिमालयन ग्लेशियोलॉजी स्थापित होगा जो हिमनदों का अध्ययन करेगा।
इसके लिए मदद योजना आयोग दे रहा है। इसके अलावा 550 करोड़ रुपये की लागत से चलाए जाने वाले नेशनल मशिन फॉर सस्टेनिंग हिमालयन इकॉसिस्टम के तहत पूरे हिमालय क्षेत्र में प्रकृति के संरक्षण पर जोर दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इन दोनों परियोजनाओं को व्यय वित्त समिति ने मंजूरी दे दी है।
जल्द ही ये प्रस्ताव मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजे जाएंगे। सूत्रों ने कहा कि उत्तराखंड में आपदा के समय संचार व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के साथ एक योजना तैयार की है जिसके तहत आपदा आते ही तत्काल ही चेतावनी संदेश आम लोगों के मोबाइल पर पहुंच जाएगा।
इसके अलावा स्थानीय प्रशासन को सैटेलाइट फोन भी दिए जाएंगे। राज्य में सैटेलाइट संचार की व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए इसरो की मदद ली जा रही है। सूत्रों ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने मौसम की भविष्यवाणी के लिए राज्य में अत्याधुनिक उपकरण लगाने की एक योजना बनाई है जिसके लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में अतिरिक्त 115 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। आयोग पांच अन्य विभागों से भी उत्तराखंड में चलाए जाने योग्य कार्यक्रमों के बारे में विचार कर रहा है।
इनमें अंतरिक्ष विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग शामिल है।