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हंगामे की वजह से दूसरे दिन भी नहीं चली लोकसभा

संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा में तेलंगाना मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के दोनों हिस्सों के सांसदों के हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित...

हंगामे की वजह से दूसरे दिन भी नहीं चली लोकसभा
एजेंसीThu, 06 Feb 2014 03:18 PM
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संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा में तेलंगाना मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के दोनों हिस्सों के सांसदों के हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

सुबह प्रश्नकाल में हंगामे के कारण कार्यवाही पहले 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई। बाद में 12 बजे कार्यवाही पुनः शुरू होने पर तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आसन के समीप आकर आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ हंगामा और नारेबाजी करने लगे। उनके साथ नेशनल कांफ्रेंस के सांसद भी अपनी मांगों के समर्थन में पोस्टर लिये आसन के पास आ गये।

अध्यक्ष मीरा कुमार ने हंगामा कर रहे सदस्यों से वापस जाने की अपील की। उन्होंने सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस मिलने का उल्लेख करते हुए सदन से इस पर विचार के लिए व्यवस्था कायम करने की अपील की, लेकिन व्यवस्था कायम नहीं होती देख उन्होंने कहा कि इन नोटिसों पर आगे कार्रवाई नहीं की जा सकती।

अध्यक्ष ने इसके बाद हंगामे के बीच आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये और कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। वहीं, पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के विरोध और तमिल मछुआरों की सुरक्षा की मांग तथा अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

इससे पहले सुबह भी इन मुद्दों को उठाते हुए सदस्यों ने कार्यवाहीन हीं चलने दी, जिससे कार्यवाही पहले बारह बजे और फिर दो बजे तक स्थगित की गई। दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्य पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के विरोध में नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गये।

द्रमुक और अन्ना द्रमुक के सदस्यों ने तमिल मछुआरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। द्रमुक के सदस्य नारे लगाते हुए आसन के पास चले गये। भाजपा के सदस्य अपनी जगहों पर खड़े होकर नारे लगा रहे थे, घोटालों की सरकार नहीं चलेगी। समाजवादी पार्टी के सदस्य भी खड़े थे हालांकि उनकी आवाज सुनाई नहीं दे रही थी।

उप सभापति पीजे कुरियन ने सदस्यों से कहा कि यदि एक समय एक व्यक्ति बोले तो उन्हें कुछ सुनाई देगा। उन्होंने सदस्यों से कहा कि वे अपनी जगहों पर लौट कर अपनी बात कहें। सदस्यों के शांत न होने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।

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