फोटो गैलरी

Hindi Newsदिल्लीः बीएसईएस ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

दिल्लीः बीएसईएस ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

दिल्ली में बिजली वितरण का काम कर रहीं अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनियों ने एनटीपीसी के उस नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें बकाया भुगतान न करने की स्थिति में बिजली आपूर्ति बंद करने...

दिल्लीः बीएसईएस ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
एजेंसीThu, 06 Feb 2014 02:41 PM
ऐप पर पढ़ें

दिल्ली में बिजली वितरण का काम कर रहीं अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनियों ने एनटीपीसी के उस नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें बकाया भुगतान न करने की स्थिति में बिजली आपूर्ति बंद करने की चेतावनी दी गयी है।

मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई कल करेगी। याचिका की फौरन सुनवाई करने की अपील की गई है। बीएसईएस के वकील ने कहा कि इस मामले से जुड़ा एक मामले पर कल सुनवाई हो रही है लिहाजा इस नई याचिका की भी सुनवाई भी उसके साथ ही की जाए। पीठ ने यह अनुरोध मान लिया।

एनटीपीसी ने पिछले सप्ताह बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना को भुगतान सुरक्षा प्रणाली और बकाया राशि भुगतान न करने के मामले में नोटिस जारी किया था। बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना ने एक फरवरी को नोटिस जारी करेन के बाद, एनटीपीसी ने चार फरवरी को कहा था कि वह संकट में है और यदि बकाए का भुगतान नहीं होता तो कंपनी को इन वितरण कंपनियों को बिजली की आपूर्ति बंद करनी पड़ सकती है।

एनटीपीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने कहा था कि यदि समय पर भुगतान नहीं होता तो उसे करीब 2,000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति पर नियमानुसार कार्रवाई करनी पड़ सकती है। बीएसईएस राजधानी और यमुना के पास यह बकाया दिसंबर में हुई बिजली आपूर्ति से जुड़ा है जिसका भुगतान जनवरी के आखिर में होना है। एनटीपीसी ने कहा था कि फिलहाल दोनों कंपनियों के लिए कोई ऋण पत्र उपलब्ध नहीं है।

बीएसईएस राजधानी का आखिरि ऋण-पत्र 31 जनवरी को भुना लिया गया था उसके बाद कंपनी पर एनटीपीसी की बकाया राशि 271.61 करोड़ रुपए है। बीएसईएस यमुना के लिए बकाया राशि 96.07 करोड़ रुपए है। एनटीपीसी से बीएसईएस राजधानी को 1,261 मेगावाट और बीएसईएस यमुना को 811 मेगावाट बिजली मिलती है।

बिजली के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण ने कल निर्देश दिया कि दिल्ली बिजली नियामक डीईआरसी बिना उसकी इजाजत के बीएसईएस की इन वितरण कंपनियां का लाइसेंस वापस लेने के संबंध में कोई अंतिम फैसला नहीं करेगा।

अपनी याचिका में बीएसईएस वितरण कंपनियों ने इस मामले में सर्वोच्च बिजली न्यायाधिकरण से हस्तक्षेप करने की मांग की है। बीएसईएस राजधानी दक्षिण एवं पश्चिम दिल्ली और बीएसईएस यमुना केंद्रीय एवं पूर्वी दिल्ली में बिजली वितरण करती हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें