लिंगानुपात में जौनपुर ने पेश किया अन्य जिलों के लिए आदर्श
जब कन्या को भ्रूणावस्था में ही नष्ट कर दिए जाने, बेटियों की तादाद कम होते जाने की रिपोर्ट लम्बे समय से सामने आ रही हों ऐसे वक्त में लिंगानुपात को लेकर वाराणसी के पड़ोसी जिले जौनपुर ने अच्छी तस्वीर...
जब कन्या को भ्रूणावस्था में ही नष्ट कर दिए जाने, बेटियों की तादाद कम होते जाने की रिपोर्ट लम्बे समय से सामने आ रही हों ऐसे वक्त में लिंगानुपात को लेकर वाराणसी के पड़ोसी जिले जौनपुर ने अच्छी तस्वीर दिखाई है। जौनपुर इस मायने में खास हो गया है कि यहां प्रति एक हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 1018 है। 2011 की जनगणना से निकले इस तथ्य के बाद पिछड़े हुए पूर्वांचल का यह जिला प्रदेश में सबसे आगे निकल गया है। इसको इस मामले में भी आदर्श माना जा सकता है कि जौनपुर की साक्षरता दर अन्य जगहों की अपेक्षा काफी कम, करीब 73.66 प्रतिशत है। इसने यह सच भी दिखाया है कि अधिक साक्षरता वाले जिलों के बजाय यह जिला लड़कियों के प्रति ज्यादा संवदेनशील है। इस जिले ने यह तस्वीर सरकार के उन्हीं कानून-व्यवस्थाओं के साथ चलते हुए दिखाई है जो सबके लिए समान रूप से लागू होते हैं। आंकड़े यह भी बता रहे हैं कि लिंगानुपात में देश के टॉप 10 की सूची में दसवें नंबर के अलपुजा (केरल) में प्रति एक हजार 11सौ लड़कियों से टक्कर लेने में जौनपुर सिर्फ 82 अंक पीछे है। यह बता रहा है कि थोड़े से प्रयास और किये जाएं तो सूबे में तस्वीर बदल सकती है।
देश में प्रति एक हजार लड़कों पर लड़कियों का संख्या
शहर प्रदेश लिंगानुपात
माहे पांडीचेरी 1176
अल्मोडम उत्तराखंड 1139
कुन्नूर केरल 1133
पथानमेथिता केरल 1132
रत्नागिरि महाराष्ट्र 1122
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड 1120
कोल्लम केरल 1113
त्रिचूर केरल 1109
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड 1103
अलपुजा केरल 1100
उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों की स्थिति
जिला लिंगानुपात साक्षरता प्रतिशत
गाजियाबाद 878 78.07
लखनऊ 906 77.29
इलाहाबाद 902 72.32
वाराणसी 909 75.06
गोरखपुर 944 70.83
यूपी पर बिहार के छोटे शहर भारी
जिला लिंगानुपात साक्षरता प्रतिशत
गोपालगंज 1021 65.47
सिवान 988 61.80
सारण 950 65.96
किशनगंज 950 61.04
नवादा 939 61.63
शिक्षित से तो कम पढ़े ही बेहतर
प्रदेश के 75 जिलों में लिंगानुपात की रिपोर्ट देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि पढ़े-लिखों से तो कम पढ़े लोग ही बेहतर हैं। अगर बात की जाए प्रदेश में अव्वल रहने वाले दो प्रमुख जिलों की तो वहां की साक्षरता दर अन्य बड़े शहरों के मुकाबले काफी पीछे है। जनगणना-2011 की रिपोर्ट के अनुसार जौनपुर की साक्षरता दर 73.66 और आजमगढम् की 72.69 प्रतिशत है जो गाजियाबाद, लखनऊ और वाराणसी की साक्षरता दर के मुकाबले पीछे है।
दलित समुदाय की सोच हर कोई अपना ले तो बन जाए बात
जौनपुर में पिछले 12 साल से कन्या भ्रूण हत्या और ऐसी ही तमाम सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कार्य करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता रेनू सिंह जौनपुर की इस उपलब्धि में दलित समुदाय का बड़ा सहयोग मानती हैं। उनका कहना है कि जिले में दलित समुदाय की संख्या ज्यादा होने के कारण कन्या भ्रूण हत्या के मामले कम हैं। इस समुदाय के लोग लड़का-लड़की में फर्क नहीं मानते और 5 से ज्यादा लड़कियां भी हो जाएं तो कन्या भ्रूण हत्या करने की बात नहीं सोचते। इसके साथ ही जिले में लगभग 10 संस्थाएं अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर भ्रूण की जांच पर रोक लगाने के लिए कार्य कर रही हैं। संस्थाओं की ओर से आये दिन केन्द्रों पर ऑपरेशन किया जाता है। इन कारणों से भी भ्रूण की जांच नहीं हो पाती।
सफलता में इनका सहयोग सराहनीय
जौनपुर के सीएमओ डॉं. पीएन रावत इस उपलब्धि में आशाओं के सहयोग की सराहना करते हैं। उनका कहना है कि पिछली जनगणना के समय आशाओं का कन्सेप्ट था ही नहीं। 2001 की जनगणना में जिले का लिंगानुपात 1014 था। जिसे अब तक बरकरार रखते हुए आगे बढम्ने का प्रयास किया जा रहा है। 2011 तक आशाओं ने जिले में व्यापक जागरूकता कार्य किये गये। वाराणसी मण्डल के चारों जिलों में जौनपुर में ही 21 ब्लॉक हैं। जो सबसे ज्यादा संख्या है। इससे यहां आशाओं की संख्या भी बाकी जिलों की तुलना में ज्यादा है। मौजूदा समय में यहां 4118 आशाएं और 444 एएनएम कार्य कर रही हैं। आशाएं और एएनएम ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार नियोजन, कन्या भ्रूण हत्या रोकने और स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में लोगों को बेहतर तरीके से जागरूक कर रही हैं। इसके साथ ही जिले की पीएनडीटी कमेटी की भूमिका भी सराहनीय है। मण्डल में केवल जौनपुर ही ऐसा जिला हैं जहां पीएनडीटी कमेटी की ओर से छापेमारी कर अधिनियम के उल्लंघन में 3 केन्द्रों पर न्यायालय में मामला दर्ज कराया गया है।
जौनपुर की यह उपलब्धि वहां के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सामाजिक संस्थाओं के सतत प्रयास का नतीजा है। जौनपुर की तर्ज पर मण्डल के अन्य जिलों में भी स्थिति सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉं. बी राय, प्रभारी अपर निदेशक स्वास्थ्य