कामयाबी दोहरा सकती है कांग्रेस
केरल के हालात देश के अन्य राज्यों से काफी कुछ अलग हैं। सबसे शिक्षित राज्य होने के साथ-साथ यह ऐसा राज्य है जहां पर हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समुदाय का अनुपात लगभग बराबर है। यहां की राजनीति प्राय:...
केरल के हालात देश के अन्य राज्यों से काफी कुछ अलग हैं। सबसे शिक्षित राज्य होने के साथ-साथ यह ऐसा राज्य है जहां पर हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समुदाय का अनुपात लगभग बराबर है। यहां की राजनीति प्राय: दोध्रुवीय रहती आई है।
एक ध्रुव का नेतृत्व कांग्रेस करती है, तो दूसरे ध्रुव की अगुआई वाम दल करते हैं। जानकार मानते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में केरल और कर्नाटक, दक्षिण के ये दो ही राज्य ऐसे हैं, जहां कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनाव से बेहतर कर सकती है।
कांग्रेस को वर्ष 2004 के चुनाव में यहां भारी हार मिली थी। लेकिन पार्टी ने 2009 में जोरदार तरीके से वापसी की। उम्मीद की जा रही है कि पार्टी 16वें लोकसभा चुनाव में भी वर्ष 2009 के इतिहास को दोहराएगी। इस बीच, चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले नेताओं के पाला बदलने की होड़ मच गई है। खबर है कि जेएसएस पार्टी की संस्थापक और यूडीएफ सरकार में मंत्री रही वयोवृद्ध नेत्री केआर गौरी दोबारा सीपीएम में लौट सकती हैं।