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गन्ने का कम रकवा वाले दस गांव पायलेट प्रोजेक्ट में

 पीलीभीत। हिन्दुस्तान संवाद। जनपद के कम गन्ना रकवा वाले दस गांवों को पायलेट प्रोजेक्ट में चयनित कर लिया गया है। इन गांवों में गन्ना विभाग व गन्ना किसान संस्थान मिलकर रकवा बढ़ाने का कार्य...

गन्ने का कम रकवा वाले दस गांव पायलेट प्रोजेक्ट में
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 09 Jan 2014 11:42 PM
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 पीलीभीत। हिन्दुस्तान संवाद। जनपद के कम गन्ना रकवा वाले दस गांवों को पायलेट प्रोजेक्ट में चयनित कर लिया गया है। इन गांवों में गन्ना विभाग व गन्ना किसान संस्थान मिलकर रकवा बढ़ाने का कार्य करेंगे। कृषि वैज्ञानिक गांवों में गोष्ठियां कर किसानों को जागरूक करने का कार्य कर रहे हैँ। इस कार्य के लिए जिला गन्ना अधिकारी को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

पिछले साल जनपद में 99 हेक्टेयर एरिया में गन्ने का रकवा था। इस साल गन्ने का एरिया 89 हजार हेक्टेयर रह गया है। निचले इलाके में बाढ़ का पानी भरने से काफी एरिया का गन्ना नष्ट हो गया। चीनी रिकवरी भी ठीक नहीं आ रही है। इस साल 18 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई, जो गन्ने के लिए काफी दु:खदाई साबित हुई। कई ब्लाकों में धान व गेहूं की ही फसल ली जा रही है, जहां पर नाममात्र एरिया में गन्ने की खेती की जाती है।

क्रिटिकल एरिया गन्ना उत्पादन तकनीक योजना में जिले के कम गन्ना रकवा वाले दस गांवों को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित किया गया है। इन गांवों में खेती करने वाले किसानों को गन्ने की खेती के फायदे के बारे में बताया जा रहा है। इस कार्य को कराने के लिए जिला गन्ना अधिकारी को अध्यक्ष, चीनी मिल प्रबंधक, ज्येष्ठ गन्ना निरीक्षक, गन्ना किसान संस्थान के अफसर सदस्य के रूप में जिम्मेदारी दी गई है। इन गांवों में गन्ने को मिलेगा प्रोत्साहन जिले के काफी गांवों में धान व गेहूं की पैदावार की जा रही है।

इन गांवों में गन्ने की खेती नाममात्र की हो रही है। पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित गांवों में डांग, ढकिया नथा, पुरैना रसूला, कपूरपुर, भगवंतापुर, टोंडरपुर कालोनी, बहरुआ आदि शामिल हैं। जल प्लावित क्षेत्रों के लिए अलग है प्रजाति गन्ना बुवाई असंतुलन कम करने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। जल प्लावित क्षेत्रों में बुवाई करने वाले गन्ने की प्रजाति अलग रखी गई है। इसे बुवाई करने से फसल की अच्छी पैदावार मिलेगी, तो जहां पर गन्ना नहीं है।

वहां पर गन्ना रकबा बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। -डॉ.पीके कपिल सहायक निदेशक(प्रसार)गन्ना किसान संस्थान, शाहजहांपुर। योजना चलने से गन्ना असंतुलन होगा कम फोटो 09पीबीटीएफ 66क्रिटिकल एरिया वाले गांवों में गन्ने की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जहां अभी तक नाममात्र की खेती हो रही है। ऐसे गांवों में गोष्ठियां शुरू कर दी गई हैं। किसानों को फायदे बताए जा रहे हैं। इससे गन्ने का असंतुलन दूर होगा। गन्ना बोने के लिए किसान आगे आएंगे।

गन्ना प्रजाति 95422 पहले सामान्य में थी, जो अब सरकार ने अगैती में कर दिया है। इससे किसानों को गन्ने का बेहतर मूल्य मिलेगा। 92423 रिजेक्ट प्रजाति को सामान्य में कर दिया गया। सरकार की इस कवायद से किसानों को आर्थिक फायदा होगा। -ओम प्रकाश सिंह यादवजिला गन्ना अधिकारी, पीलीभीत।

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