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आगामी महीनों में मुद्रास्फीति सुधरेगी: मायाराम

आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने कहा है कि आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति हल्की होगी, पर लंबे समय को ध्यान में रखकर आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर लगाम के लिए मांग और पूर्ति की खाई पाटने का...

आगामी महीनों में मुद्रास्फीति सुधरेगी: मायाराम
एजेंसीThu, 09 Jan 2014 01:52 PM
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आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने कहा है कि आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति हल्की होगी, पर लंबे समय को ध्यान में रखकर आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर लगाम के लिए मांग और पूर्ति की खाई पाटने का उपाय जरूरी है।
    
मायाराम ने बातचीत में कहा कि मुद्रास्फीति की समस्या बनी रहेगी। हमारा मानना है कि इसमें निकट भविष्य में थोड़ा सुधार होगा। लेकिन दीर्घ काल में मुद्रास्फीति को छोटे इकाई अंकों तक सीमित रखने के लिए हमें सब्जियों का उत्पादन बढ़ाना होगा और इसकी धुलाई आदि के प्रबंध में सुधार करने होंगे।
    
थोक मूल्य पर और खुदरा मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति की दरें नवंबर में क्रमश: 7.52 और 11.24 प्रतिशत रहीं। मुद्रास्फीति का यह दबाव मुख्य रूप से सब्जियों तथा प्रोटीन के श्रोत वाले खाद्य उत्पादों की महंगाई की वजह से है।
    
आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा, जहां तक खाद्य वस्तुओं की मांग का सवाल है, तो इस पर कीमत बढ़ने का फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि कषि मंडी परिषद कानून में संशोधन की नितांत आवश्यकता है। 
     
मायाराम ने कहा कि कृषि मंडी कानून अब दु:ख देने लगा है। क्योंकि इससे खाद्य वस्तुओं के आवागमन में बाधाएं खड़ी हो रही हैं। अनाज का वितरण खुला होना चाहिए और इसे बाजार के हिसाब से चलना चाहिए।
     
आर्थिक मामलों के सचिव ने आंकड़ों का हवाला देते हुये कहा कि जीवन स्तर में सुधार के साथ खाद्य उत्पादों की मांग बढी है। मुद्रास्फीति के दबाव इस वजह से भी बढ़ा है। इसी संदर्भ में उन्होंने कहा, कि अंडे की खपत को देखें तो 1993-94 में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 18 अंडों की मांग थी, जो 20 साल में 33 तक पहुंच गयी है।
     
उन्होंने कहा इससे संकेत मिलता है कि मांग और पूर्ति के बीच एक नये तरह का फर्क आ रहा है। इसको पूरा करने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाये हैं।
     
मायाराम ने कहा कि निश्चित रूप से परिणाम मिलने में समय लगता है। हम इसका नतीजा दो चार साल में देखेंगे, पर हमें सतत उत्पादन वृद्धि के प्रयास करने होंगे। हमें कषि क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का अनुकूल विस्तार करना होगा, ताकि फल, सब्जी, अंडों आदि का आवागमन सुचार रूप से हो सके। 

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