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सोना की मस्ती

रोजाना की तरह चीनी मछली ने अपनी नन्हीं बेटी रूहू को हिदायत दी, जब तक मैं वापस लौटूं तुम नदी के इसी छोर में तैरती रहना, आगे खतरा है। रूहू ने पानी में छपछपाते हुए कहा- हां मां, मुझे पता है आगे खतरा है...

सोना की मस्ती
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 08 Jan 2014 01:40 PM
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रोजाना की तरह चीनी मछली ने अपनी नन्हीं बेटी रूहू को हिदायत दी, जब तक मैं वापस लौटूं तुम नदी के इसी छोर में तैरती रहना, आगे खतरा है। रूहू ने पानी में छपछपाते हुए कहा- हां मां, मुझे पता है आगे खतरा है और मैं रास्ता भटक सकती हूं। यह सुनते ही चीनी मछली आगे निकल गई। दरअसल रूहू मछली रावी नदी में अपनी मां के संग रहती थी। तुम जानते हो कि रावी नदी हिमाचल प्रदेश में बहती है।

उस दिन रूहू अपनी सहेलियों के संग नदी में खेल रही थी तभी उसकी नजर एक सुनहरी मछली पर पड़ी। यह देखते ही वह खुशी से उछल पड़ी। उसने अपनी सहेलियों से कहा, अरे देखो, ये मछली कितनी सुंदर है, हमने ऐसी मछली कभी नहीं देखी। उसकी सहेलियां भी सुनहरी मछली को देखकर अचरज में थीं। दरअसल रूहू का रंग सफेद था और उस इलाके में रहने वाली सभी मछलियां सफेद रंग की थीं। सफेद के अलावा उन्होंने आज तक किसी और रंग की मछली नहीं देखी थी। सुनहरी मछली को देखकर वहां मौजूद सभी मछलियां आपस में खुसर-फुसर करने लगीं। तभी सुनहरी मछली ने रूहू के करीब आकर कहा, अरे तुम मुझे देखकर इतनी आश्चर्यचकित क्यों हो। रूहू ने सुनहरी मछली को छूते हुए कहा, आपका रंग कितना सुंदर है, आप कहां से आई हो?

सुनहरी मछली ने कहा- मेरा नाम सोना है। मैं नदी के दूसरे छोर से आई हूं। तभी रूहू की सारी सहेलियां वहां पहुंच गईं और उन्होंने सोना मछली को घेर लिया। वे उससे ढेर सारे सवाल करने लगीं। चूंकि सोना बाकी मछलियों से बड़ी थी, इसलिये वे सब उसे सोना दीदी कहकर पुकारने लगीं। एक ने पूछा, सोना दीदी, क्या आप जैसी सुनहरी मछलियां और भी हैं उस तरफ। रूहू ने कहा, काश मेरा रंग भी सुनहरा होता।

सोना मछली ने हंसते हुए कहा, अरे कैसी बात कर रही हो तुम सब। तुम्हारा रंग सफेद है और वाकई तुम सब बहुत सुंदर हो। ईश्वर ने हम सबको अलग-अलग रंग दिया है। हम जिस रंग के हैं, हमें उसी में खुश रहना चाहिये। तभी रूहू की सहेली जेली ने कहा, लेकिन हमने तो अब तक सिर्फ सफेद रंग की मछलियां ही देखी थीं। क्या मछलियों के और भी रंग होते हैं? सोना ने कहा, हां मछलियां तो बहुत रंग की होती हैं, जैसे नारंगी, पीली, गुलाबी, हरी, नीली और न जाने कितने रंग की। कुछ मछलियां छोटी होती हैं और कुछ बहुत बड़ी।

सोना ने उन्हें डॉल्फिन मछली के बारे में बताया जो इंसानों के काफी करीब बताई जाती है। रूहू और उसकी सहेलियों के लिये यह एकदम नई बात थी। रूहू ने कहा, सोना दीदी मैं रंग बिरंगी मछलियां देखना चाहती हूं। मैं डॉल्फिन से भी मिलना चाहती हूं। बाकी मछलियां भी शोर मचाने लगीं, हां, हमें भी रंगबिरंगी मछलियां देखनी हैं।

सोना ने कहा- ठीक है, इसके लिये तो तुम सबको नदी के दूसरे छोर की ओर चलना होगा। रूहू ने कहा, दीदी हमारी मां ने हमें दूर जाने से मना किया है। सोना ने कहा, अरे चिंता क्यों करती हो, हम सब शाम से पहले लौट आयेंगे। तभी रूहू की एक सहेली ने कहा, आओ चलते हैं बड़ा मजा आयेगा। हम सब शाम से पहले लौट आयेंगे।

बस क्या था, सारी मछलियां सोना मछली के संग चल पड़ीं। जैसे-जैसे वे नदी में आगे बढ़ती गईं उन्हें अद्भुत नजारे देखने को मिले। थोड़ी दूर जाने पर उन्हें नारंगी मछलियों का झुंड मिला। उन्हें देखते ही सफेद मछलियां चीख पड़ीं, अरे देखो तो कितनी प्यारी हैं ये। नारंगी मछलियां भी सफेद मछलियों को देखकर खुश थीं। वे सब आपस में मिलकर पानी में छपछप करने लगीं।

कुछ देर बाद मछलियों का झुंड आगे बढ़ा। आगे जाने पर गुलाबी मछलियां दिखीं तो रूहू और उसकी सहेलियों की आंखें अचरज से खुली रह गईं। रूहू ने कहा, गुलाबी कितना प्यारा रंग है। इसी तरह रास्ते में नीली, पीली, हरी और न जाने कितने रंग की मछलियां मिलीं। रूहू ने कहा, हमें तो पता ही नहीं था मछलियों की इस खूबसूरत दुनिया के बारे में। सोना ने कहा, अरे अभी क्या है अभी तो तुम सबको डॉल्फिन से मिलना है। कुछ देर बार वे डॉल्फिन के पास पहुंच गईं। सफे द मछलियों के लिये डॉल्फिन सबसे बडम आश्चर्य था। उन्होंने इतनी बड़ी और इतनी तेजी से पानी में छलांग लगाने वाली मछली पहले कभी नहीं देखी थी। सबसे बड़ा मजा तब आया जब डॉल्फिन नन्हीं सफेद मछलियों को देखकर हंसने लगी। रूहू ने कहा, अरे ये तो इंसानों की तरह हंस रही है। सबने डॉल्फिन की पीठ पर चढ़कर खूब मस्ती की।

तभी सोना मछली ने कहा, अब हमें लौटना चाहिए। पर सफेद मछलियां कुछ दूर आगे चलने की जिद करने लगीं। सोना ने समझाया, देखो अंधेरा हो रहा है, पर सफेद मछलियां तो बस मस्ती के मूड में थीं। वे थोड़ा आगे बढ़ी ही थीं कि एक दुष्ट शार्क मछली से टकरा गईं।

टक्कर लगते ही शार्क चिल्लाने लगी, तुम सबने मुझे जगा दिया, अब मैं तुम्हें नहीं छोड़ेगी। यह सुनते ही सफेद मछलियां डर के मारे कांपने लगीं। तभी सोना मछली ने हाथ जोड़ते ही कहा, शार्क आंटी इन्हें माफ कर दीजिए। पर शार्क का गुस्सा कम नहीं हुआ। वो सोना मछली को धमकी देने लगी।

उसने कहा कि वह सारी सफेद मछलियों को एक जाल में बंद कर देगी। इसी बीच रूहू तेजी से चलकर पीछे गई और डॉल्फिन को बुला लाई। डॉल्फिन को देखते ही शार्क डर गई। उसने कहा, चलो कोई बात नहीं है, इस बार मैं तुम सबको माफ कर देती हूं, पर आगे से मेरे इलाके में मत आना।

सफेद मछलियों और सोना दीदी ने डॉल्फिन को धन्यवाद कहा। रूहू ने कहा, डॉल्फिन आप सचमुच बहुत प्यारी हो। आपसे मिलकर हमें बहुत अच्छा लगा। डॉल्फिन ने कहा, मुझे भी तुम सबसे मिलकर बड़ा मजा आया। अब मैं तुम सबको तुम्हारे घर छोड़ने चलूंगी। मैं नहीं चाहती कि अब तुम लोगों पर दोबारा ऐसा खतरा आए। यह सुनते ही सारी मछलियां खुशी से उछल पड़ीं। रूहू ने कहा, वाह कितना मजा आयेगा। मेरी मां तो डॉल्फिन और सोना दीदी से मिलकर बहुत खुश हो जायेंगी। आओ, जल्दी घर चलें, नहीं तो अंधेरा हो जायेगा।

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