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आगे बढ़ते रहें

एक बार एक बहुत बड़े बुद्धिजीवी एक सेमिनार करने पहुंचे। उन्हें सुनने के लिए बहुत से लोग आए। उन्होंने अपनी जेब से 1000 रुपए का नोट निकाला और पूछा कि यह नोट किसे चाहिए। सभी ने अपने हाथ खड़े कर दिए।...

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लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 07 Jan 2014 08:04 PM
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एक बार एक बहुत बड़े बुद्धिजीवी एक सेमिनार करने पहुंचे। उन्हें सुनने के लिए बहुत से लोग आए। उन्होंने अपनी जेब से 1000 रुपए का नोट निकाला और पूछा कि यह नोट किसे चाहिए। सभी ने अपने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने उस नोट को बहुत मोड़ दिया और कहा अब भी कोई इसे लेना चाहता है। अभी भी सभी हाथ नोट लेने के लिए हवा में लहरा रहे थे। फिर उन्होंने उस नोट को फर्श पर रगड़ कर मैला कर दिया। और फिर पूछा, क्या अब भी  कोई इसे लेना चाहता है। अब भी इसे लेने वालों में कोई कमी नहीं थी। अब उन्होंने कहना शुरू किया। ‘मैंने इस नोट के साथ भले ही कुछ भी किया हो, मगर आप लोग इस नोट को अब भी लेना चाहते हैं, क्योंकि इसकी वैल्यू यानी कीमत नहीं गिरी। इसका मूल्य अभी भी 1000 रुपए ही है। ठीक इसी तरह हम जीवन में कई बार ठोकरें खाते हैं, गलती करते हैं। गिरते भी हैं, कई बार खुद की वजह से तो कई बार ऐसी परिस्थितियों के कारण। उस वक्त हमें लगने लगता है कि हम अब किसी काम के नहीं हैं। मगर हमें विश्वास रहना चाहिए कि परिस्थितियां भले ही कुछ भी हों, हमारी वैल्यू कभी नहीं गिरेगी। उन लोगों के लिए तो हरगिज नहीं, जो हमसे प्यार करते हैं।’

सीख: भले ही कभी हमारा अप्रेजल हमारी उम्मीद से कम हुआ हो, मगर हमें  दुखी होकर खुद को कम नहीं आंकना चाहिए। और आगे बढ़ते रहना चाहिए।

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