बच सकचचता है जिम्बाब्वे
जिम्बाब्वे बोर्ड को प्रतिबंधित करने की मांग के सामने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) के झुकने की संभावना तो नहीं दिखाई देती मगर उसकी एकदिवसीय टीम को निलंबित किया जा सकता है। जिम्बाब्वे में...
जिम्बाब्वे बोर्ड को प्रतिबंधित करने की मांग के सामने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) के झुकने की संभावना तो नहीं दिखाई देती मगर उसकी एकदिवसीय टीम को निलंबित किया जा सकता है। जिम्बाब्वे में पिछली हफ्ते ही विवादास्पद राष्ट्रपति चुनाव में रोबर्ट मुगाबे ने इस पद पर अपना कब्जा निर्विरोध बरकरार रखा था। इसके बाद से जिम्बाब्वे बोर्ड एक के बाद एक संकट में फंसता जा रहा है। ब्रिटिश सरकार द्वारा इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को जिम्बाब्वे से सभी क्रिकेट संबंध तोड़ने की ताकीद के बाद ईसीबी ने जिम्बाब्वे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उधर दक्षिण अफ्रीका पहले ही जिम्बाब्वे के खिलाफ अपने द्विपक्षीय कार्यक्रम स्थगित कर चुका है लेकिन दूसरी तरफ क्रिकेट दुनिया का सबसे प्रभावशाली बोर्ड भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) जिम्बाब्वे को निलंबित करने के फैसले का विरोध कर रहा है। किसी देश को आईसीसी से निलंबित करने के लिए दस सदस्य देशों में सात का समर्थन हासिल होना जरूरी है। तभी कार्यकारी बोर्ड जिम्बाब्वे को एकदिवसीय और 20-20 से अस्थाई तौर पर निलंबित करने पर चर्चा कर सकती है। अगर आईसीसी को इस मामले में अपने बोर्ड के सदस्यों का साथ मिला तो जिम्बाब्वे अगले वर्ष इंग्लैंड में होने वाले 20-20 विश्व कप में नहीं खेल पाएगा।