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15 अगस्त को एसटी स्नातकों को नौकरी

राज्य सरकार ने 15 अगस्त को आदिम जनजातियों के सभी स्नातकों को नियुक्ित पत्र देने का फैसला किया है। तीन अगस्त को इस मुद्दे पर फिर बैठक होगी। तब तक विभाग को राज्य के सभी आदिम जनजाति स्नातकों की सूची...

 15 अगस्त को एसटी स्नातकों को नौकरी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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राज्य सरकार ने 15 अगस्त को आदिम जनजातियों के सभी स्नातकों को नियुक्ित पत्र देने का फैसला किया है। तीन अगस्त को इस मुद्दे पर फिर बैठक होगी। तब तक विभाग को राज्य के सभी आदिम जनजाति स्नातकों की सूची बनाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही विभाग को इस जाति के सभी अंडर ग्रेजुएट, मैट्रिक और नन मैट्रिक युवकों की सूची बनाने को कहा गया है, जिन्हें नियोजित करने पर उसी बैठक में नीतिगत फैसला लिया जायेगा। यह निर्णय आदिम जनजातियों की सीधी नियुक्ित पर सीएम मधु कोड़ा की अध्यक्षता में बुलाई गयी बैठक में लिया गया।ड्ढr बैठक में आदिम जनजाति के युवकों के लिए हॉस्टल बनाने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पौष्टिक आहार नीति बनाने पर सहमति बनी। इस जाति के युवकों के लिए पुलिस में नया बटालियन बनाने पर भी विचार किया गया।ड्ढr बैठक में उप मुख्यमंत्री स्टीफन मरांडी, कल्याण मंत्री जोबा मांझी, सीएस एके बसु, विकास आयुक्त एके सिंह, वित्त सचिव राजबाला वर्मा, टीडब्ल्यूसी सुनील वर्णवाल और सीएम के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह उपस्थित थे। जरूरतमंद पत्रकारों को मिलेगी आर्थिक मदद झारखंड पत्रकार कल्याण कोष संचालन समिति की पहली बैठक मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की अध्यक्षता में बुधवार को संपन्न हुई। बैठक में राज्य के पत्रकारों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये। अब कल्याण कोष की राशि 50 लाख से बढ़कर एक करोड़ होगी। राज्य के जरूरतमंद पत्रकारों को कल्याण कोष से मदद मिलेगी। इसके तहत वैसे सभी जरूरतमंद पत्रकारों को सहायता मिलेगी जिनकी मुख्य आजीविका पत्रकारिता है। इसमें सभी स्तर के पत्रकार सम्मिलित होंगे। वैसे प्रेस फोटोग्राफरों को भी आर्थिक सहायता मिलेगी जो किसी दैनिक समाचार पत्र संवाद समिति या समाचार छाया चित्र एजेंसी का प्रतिनिधित्व करते हों। कल्याण कोष से वैसे जरूरतमंद पत्रकार या उनके आश्रितों को सहायता राशि मिलेगी, जो किसी बीमारी या दुर्घटना के शिकार हो शारीरिक अपंगता के कारण काम करने में अक्षम हो जायें। सहायता की यह राशि वर्ष में अधिकतम 40 हाार होगी। वर्तमान मुख्यमंत्री की पहल पर पहली बार पत्रकार कल्याण कोष संचालन समिति की बैठक हुई।ड्ढr सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव सह सीएम के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह ने जानकारी दी कि कल्याण कोष में राज्य सरकार को प्रति वर्ष 10 लाख रुपये अगले छह साल तक जमा करनी होगी। अभी कल्याण कोष में संचित राशि कुल 40 लाख रुपये हो गयी है। इसकी नियमावली में प्रावधान के मुताबिक इस कोष से संचित राशि से अर्जित सूद से ही संकटग्रस्त पत्रकारों या उनके आश्रितों को सहयोग राशि दी जायेगी। अब तक यह सूद चार लाख 18 लाख 204 रुपये की राशि अर्जित हो चुकी है। पत्रकारों को पेंशन देने के प्रावधान पर भी चर्चा हुई। नियमावली के मुताबिक समाचार पत्रों के मालिकों से यह अपेक्षा की गयी है कि वे उदारतापूर्वक इस कोष में यथाशक्ित अंशदान एकमुश्त राशि या प्रति वर्ष दिया करं।ड्ढr कल्याण कोष के सदस्यों के रूप में उपस्थित रांची एक्सप्रेस के संपादक बलवीर दत्त, हिन्दुस्तान के वरीय स्थानीय संपादक हरिनारायण सिंह, प्रभात खबर के स्थानीय संपादक विजय पाठक, दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी संत शरण अवस्थी ने कई सुझाव दिये। बैठक में जनसंपर्क विभाग के निदेशक गंदूरा मुंडा और सीएम के सहायक प्रेस सलाहकार राजेश सिंह भी उपस्थित थे।ड्ढr समिति ने राजधानी में प्रेस क्लब की व्यवस्था करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने समिति को आश्वस्त किया कि जल्द ही प्रेस क्लब की व्यवस्था की जायेगी। इसके लिए भविष्य में सरकार 40 कट्ठा जमीन उपलब्ध करायेगी। इसके पहले सरकार अस्थायी तौर पर एक भवन की व्यवस्था शीघ्र करायेगी। समिति ने राज्य और दिल्ली में पत्रकारों को समाचार संकलन या अखबार के काम से प्रवास के दौरान सर्किट हाउस तथा झारखंड भवन में ठहराने का सुझाव रखा। राज्य में चलनेवाली सरकारी बसों में पत्रकारों को नि:शुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने को परामर्श को सीएम ने सैद्धांतिक रूप से सहमति दे दी। महत्वपूर्ण फैसलेजरूरतमंद पत्रकारों को मिलेगी आर्थिक मददड्ढr सभी स्तर के पत्रकार-प्रेस फोटोग्राफर होंगे लाभान्वितड्ढr कल्याण कोष की राशि 50 लाख से बढ़कर एक करोड़ होगी

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