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भारतीय रक्षा अकादमी में कैडेटों की संख्या बढ़ी

ाबिल अफसरों की कमी से जूझ रही भारतीय सेना के लिए यह बड़ी राहत की सूचना हो सकती है कि भारतीय रक्षा अकादमी (खड़कवासला) में पिछले महीने शुरू हुए नए सत्र में 371 कैडेट शामिल हुए हैं। रक्षा अकादमी के एक...

 भारतीय रक्षा अकादमी में कैडेटों की संख्या बढ़ी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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ाबिल अफसरों की कमी से जूझ रही भारतीय सेना के लिए यह बड़ी राहत की सूचना हो सकती है कि भारतीय रक्षा अकादमी (खड़कवासला) में पिछले महीने शुरू हुए नए सत्र में 371 कैडेट शामिल हुए हैं। रक्षा अकादमी के एक अधिकारी ने कहा कि आशा है कि यह संख्या बढ़कर 400 से अधिक भी हो सकती है। जनवरी में शुरू हुए अकादमी के नए सत्र में 300 की निर्धारित क्षमता के स्थान पर केवल 1ैडेट ही शामिल हुए थे। इसके बाद निजी क्षेत्र में उपलब्ध आकर्षक अवसरों की तुलना में सेना की प्रतिभाओं को आकर्षित करने की क्षमता पर सवाल खड़े होने लगे थे। सेना में योग्य अधिकारियों की कमी को स्वीकार करते हुए करते हुए रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा था कि सरकार युवाओं को सेना के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सकारात्मक कदम उठाएगी। रक्षा अकादमी के कमांडर एयर मार्शल टीएस रंधावा ने आशा प्रकट की है कि जनवरी में कैडेटों की संख्या में आई कमी को जून में शुरू हुए सत्र में पूरा हो जाएगी। अकादमी की 114वें बैच की पासिंग आउट परेड के अवसर पर रंधावा ने कहा कि अकादमी में कुल 1800 कैडेटों की क्षमता से केवल 50 कैडेट ही कम हैं। भारतीय रक्षा अकादमी सेना के तीनों अंगों के लिए कैडेटों को प्रशिक्षण प्रदान करती है। तीन साल में स्नातक होने के बाद कमीशन मिलने से पहले इनको सेना, नौसेना और वायुसेना मंे कमीशन मिलने से अन्य प्रकार के प्रशिक्षण भी प्राप्त करने पड़ते हैं। भारतीय सेनाओं को हर वर्ष 2100 अधिकारियों की आवश्यकता होती है। भरतीय थल सेना में निर्धारित अधिकारियों की संख्या 46,615 है, लेकिन अभी भी सेना में 11,238 अधिकारियों की कमी है। भारतीय सेना से पिछले तीन साल में 3000 अधिकारी समय से पहले अवकाश ग्रहण कर चुके हैं। इनमें अधिकांश निजी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। वायुसेना और नौसेना में 1000 अधिकारियों की कमी है।

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