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सबकी कोशिश कि निर्मल हो चााए गोमती

न हाथ में उपकरण और न ही कोई सहयोग। बस सिर्फ, कठिन लक्ष्य के सामने श्रमदान का बुलंद हौसला।ोीवनदायिनी गोमती की पुकार पर उसके मैले आँचल को साफ करने के लिए उतर पड़ी मुट्ठी भर लोगों की फौा। हम होंगे...

 सबकी कोशिश कि निर्मल हो चााए गोमती
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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न हाथ में उपकरण और न ही कोई सहयोग। बस सिर्फ, कठिन लक्ष्य के सामने श्रमदान का बुलंद हौसला।ोीवनदायिनी गोमती की पुकार पर उसके मैले आँचल को साफ करने के लिए उतर पड़ी मुट्ठी भर लोगों की फौा। हम होंगे कामयाब काोबा लिए सभी एक बारोुटे तो पाँच घंटे तक बगैर थमे करीब एक किलोमीटर दायर में फैलीोलकुंभी, नरकुल, आदि को उखाड़कर ही दम लिया।ड्ढr ग्लोबल ह्यूमन फाउंडेशन के आह्वान पर न्यू हैदराबाद के सामने गुरुवार को गोमती की सफाई करने उतर लोगों काोबा देखकर सभी के मुँह से एक ही बात निकली कि ऐसे होता है श्रमदान..। कोई इनसे सीखे सफाई के मायने। पनियल साँप,ोोंक की भी इन्हें कोई परवाह नहीं। ब्लड प्रेशर व मधुमेह रोगी आय सैनी, 50 पार कर चुके वी.डी.मिश्र का हौसला किसी युवा से कम नहीं था। पाँचा न होने पर रस्सी में पत्थर बांधकर हीोलकुंभी को खींचकर उन्होंने साबित कर दिया कि संकल्प के सामने सभी अड़चनें बौनी पड़ोाती हैं। युवा मनो भारती, ओम प्रकाश, सुरन्द्र, आसाराम, राम प्रसाद, आदि की मशक्कत देख नगर निगम के श्रमिक भी उनके हौसले की दाद दिए बिना नहीं रह सके। युवाओं ने कहा कि हममें से कोई लखनऊ का नहीं है मगर हमें माँ गोमती की प्राण रक्षा की चिंता है।ोलसंस्थान के तीन र्दान कर्मचारी हरिओम मिश्र के नेतृत्व में पैदल ही नदी की सफाई के लिए निकल पड़े। उन्होंने गऊघाट पंपिंग स्टेशन पर मोर्चा संभाल15ोून से लेकर गुरुवार तक गोमती के आँचल से टन तकोलकुंभी निकालीोा चुकी है।

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