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डील पर मिले दिल

समाजवादी पार्टी ने एटमी करार पर पिछले कई दिनों की लुकाछिपी से पर्दा हटाते हुए एटमी डील का समर्थन कर दिया। इससे जहां दिनभर चली यूएनपीए की बैठक बेमानी हो गई वहीं मुलायम को एटमी डील का समर्थन न करने की...

 डील पर मिले दिल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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समाजवादी पार्टी ने एटमी करार पर पिछले कई दिनों की लुकाछिपी से पर्दा हटाते हुए एटमी डील का समर्थन कर दिया। इससे जहां दिनभर चली यूएनपीए की बैठक बेमानी हो गई वहीं मुलायम को एटमी डील का समर्थन न करने की वामदलों की रणनीति को गहरा धक्का लगा है। अब यह साफ हो गया है कि वामदल यूपीए सरकार से नाता तोड़ने का फैसला करते हैं तो सपा मनमोहन सरकार को संसद में शक्ित परीक्षण में बचा लेगी।ड्ढr ड्ढr सरकार के साथ सपा की शर्तो का खुलासा नहीं हुआ है लेकिन इतना साफ हो गया है कि डील को समर्थन के बदले कांग्रेस से राजनैतिक सौदेबाजी की प्रकिया पूरी हो गई है। उधर सपा के रुख से यूएनपीए के टूटने का रास्ता साफ हो गया। सपा को छोड़ यूएनपीए घटकों ने वाम नेताओं को आश्वस्त किया है कि वे लेफ्ट के साथ हैं। डील के पक्ष में खुल कर सामने आने का फैसला सपा ने शाम को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से मुलाकात के बाद किया। जहां मुलायम सिंह व अमर सिंह ने कलाम से हुई बातचीत का ब्यौरा देते हुए कहा कि कलाम मानते हैं कि यह डील राष्ट्रहित में है। दिलचस्प बात यह है कि कलाम से मुलाकात के कुछ देर पहले यूएनपीए की बैठक के बाद अमर सिंह मीडिया से स्पष्ट किया था कि डील को लेकर व्याप्त आशंकाओं पर सरकार ने जो सफाई दी है उससे वे संतुष्ट नहीं हैं। सपा के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यूएनपीए के दूसर नेता चंद्रबाबू नायडु ओम प्रकाश चौटाला, अगप के बृंदावन गोस्वामी व झाविपा नेता बाबू लाल मरांडी का रुख सपा से मेल खाता नहीं दिखा और अब भी वे वामपंथी पार्टियों के रुख से सहमत हैं। माकपा सूत्रों ने मुलायम द्वारा अचानक पैंतरा बदलने के घटनाक्रम पर ‘हिन्दुस्तान’ से कहा कि यह पटकथा तो काफी पहले लिखी जा चुकी थी। यूएनपीए बैठक में क्या नाटक होगा उसका भी हमें अंदाजा था, हमारी आशंकाएं सच साबित हुईं। इस बीच सपा नेता अबू असीम आजमी ने कहा कि डील मुसलमानों के लिए कोई मुद्दा नहीं है।ड्ढr ड्ढr कलाम ने दी झंडीड्ढr विनोद वाष्र्णेय नई दिल्ली वाम दलों की ओर से पैदा तमाम उलझनों के बाद अंतत: एटमी डील का रास्ता पूर्व राष्ट्रपति कलाम ने साफ किया। अभी तक सपा नेता इस मसले पर वामदलों की समझ से काम कर रहे थे। विगत कुछ दिनों में उन्होंने कांग्रेस के आग्रह पर स्वतंत्र सोच का परिचय दिया। एम के नारायणन भी सपा नेताओं की शंकाओं को दूर नहीं कर पाए। नतीजा यू एन पी ए की बैठक में फैसला हुआ कि इस तकनीकी मसले पर किसी सर्वमान्य वैज्ञानिक से बात की जाए। बैठक के बाद मुलायम सिंह और अमर सिंह सायं डा. कलाम के घर गये। कलाम ने उन्हें दो टूक बताया कि एटमी डील राष्ट्र हित में है। भारत जब चाहे करार को रद्द कर सकता है। डा. कलाम ने न केवल देश को अग्नि मिसाइल से लैस किया बल्कि परमाणु टेकनोलॉजी के विकास में खासी भूमिका निभाई है।ं

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