कर रही हैं शादी की फरियाद
जिले के डंडई प्रखंड के जरही गांव में तीन अनाथ बहनें अभाव और सामाजिक परिस्थितियों से तंग आकर नक्सलियों से शादी कराने की फरियाद कर रही हैं। गांव के मुसलिम टोला के एकमात्र घर में शबाना (20 वर्ष), जनवी...
जिले के डंडई प्रखंड के जरही गांव में तीन अनाथ बहनें अभाव और सामाजिक परिस्थितियों से तंग आकर नक्सलियों से शादी कराने की फरियाद कर रही हैं। गांव के मुसलिम टोला के एकमात्र घर में शबाना (20 वर्ष), जनवी खातून (18 वर्ष), सहीदन खातून (15 वर्ष) अल्लाह के रहमोकरम पर अपनी जान और आबरू बचाने को विवश हैं। पिता अशोक राय सात और माता चार वर्ष पूर्व चल बसे।ड्ढr माता-पिता का साया सिर से उठते ही शबाना सातवीं, जनवी चौथी और सहीदन तीसरी कक्षा तक ही शिक्षा पा सकी। दाने-दाने को मोहताज इन बहनों को सरकारी सहायता नहीं मिली। समाज और सरकार की बेरुखी से तंग आकर तीनों बहनों ने जंगल में नक्सलियों से मुलाकात की। नक्सलियों ने उन्हें सरकारी पदाधिकारी से मिल कर अपना दुखड़ा सुनाने का सुझाव दिया। वहां से सहायता नहीं मिलने पर ही दोबारा आकर संगठन से मिलने को कहा। जंगल से लौटकर तीनों बहनें प्रखंड का चक्कर काटती रहीं, परंतु उनकी एक न सुनी गयी। समाज ने भी उनका साथ नहीं दिया। यहां तक कि उन्हें सरकारी चापाकल पर से पानी लेने से भी रोक दिया जाता है। अब वे पुन: नक्सली संगठन से मिलनेवाली हैं। शबाना ने बताया कि नक्सली बहनों की शादी के लिए जो भी शर्त रखेंगे, उसे मान लूंगी। फिलवक्त तीनों बहनें किसी घर में बच्चा पैदा होने पर सोहर गाती फिरती हैं। इस दौरान दूसरों के शरीर से उतारा हुआ कपड़ा और कुछ अनाज मिल जाता है।