विकास की गंगा से रोकी जाएंगी ‘खून की नदियां’
ृषि विकास के बहाने नक्सलियों से भिड़ने की तैयारी भी कर रही है सरकार। विकास की गंगा बहाकर रोकी जायेंगी ‘खून की नदियां’। अब नक्सली कार्रवाई में खून से लाल हो चुके खेतों में लहलहायेगी हरियाली । नक्सली...
ृषि विकास के बहाने नक्सलियों से भिड़ने की तैयारी भी कर रही है सरकार। विकास की गंगा बहाकर रोकी जायेंगी ‘खून की नदियां’। अब नक्सली कार्रवाई में खून से लाल हो चुके खेतों में लहलहायेगी हरियाली । नक्सली गतिविधियों के लिए चिह्न्ति राज्य के सात जिलों में कृषि योजनाओं को प्राथमिकता से लागू करने और गहन जिला कृषि योजना बनाने में भी नक्सल प्रभावित जिलों को प्राथमिकता देने का निर्देश सरकार ने जारी किया है। यह योजना बन जाने पर पशुपालन और मत्स्य विकास की योजनाओं का विस्तार भी इन जिलों में तेजी किया जा सकेगा। इसके बाद राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के मद में केन्द्र सरकार इसके लिए राशि निर्गत करगी।ड्ढr ड्ढr सरकार ने निर्देश जारी किया है कि गहन जिला कृषि योजना बनाने में कैमूर, जमुई, जहानाबाद, अरवल, गया, औरंगाबाद आदि जिलों को प्राथमिकता दी जाये। इस योजना के बनने के बाद सरकार वहां की आवश्यकताओं के अनुसार प्राथमिकताएं तय करंगी। पंचायत स्तर पर योजना बनाकर पहले जरूरतों की गहन समीक्षा की जायेगी। फिर जिलास्तर पर फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी। कृषि, पशुपालन और मत्स्य विकास से जुड़ी सरकार की जिन योजनाओं का लाभ इन जिलों को नहीं मिल रहा है वे सभी इस योजना में शामिल की जायेंगी। हर जिले में योजना बना लेने की अंतिम तिथि सरकार ने 31 अगस्त तय कर दी है। सरकार का मानना है कि किसानों की आमदनी बढ़ेगी और मजदूरों को काम मिलेगा तो फिर कोई समय नष्ट करने की स्थिति में भी नहीं रहेगा। विकास योजनाओं को लागू करने की कवायद तेजड्ढr पटना (हि.ब्यू.)। केन्द्र सरकार की अल्पसंख्यक केन्द्रित जिलों (एमसीडी) में विकास की योजना को लागू करने की कवायद तेज हो गई है। राज्य के सात जिलों में विकास योजनाओं को बनाने के लिए एक बेसलाइन सव्रे भी किया जाना है। इससे यह पता चलेगा कि इन जिलों के किस क्षेत्र में विकास की सबसे ज्यादा जरूरत है। इसको लेकर 1ाुलाई को एक कार्यशाला का आयोजन पटना में किया गया है। योजना बन जाने के बाद इसे पंचायतों और अन्य एजेंसियों के जरिये लागू किया जाना है। बिहार में अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, सीतामढ़ी, पश्चिमी चम्पारण और दरभंगा को इस योजना के लिए 523 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। केन्द्र सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि यह राशि उन जिलों के विकास के लिए अलग से होगी और पहले से वहां जो राशि जाती रही है उसमें कोई रोक-टोक नहीं होगी। केन्द्र सरकार ने इन जिलों मेंविकास योजना को लेकर दिशा निर्देश भी जारी किया है। इसके अनुसार राज्य सरकार को इन जिलों में योजना को लागू करने के लिए एक राज्य स्तरीय कमिटी बनानी होगी।ड्ढr ड्ढr इसके अलावा हर जिले में इसी तरह की एक कमिटी का गठन किया जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार को अपने किसी विभाग को इन जिलों में विकास योजनाओं के संचालन के लिए जवाबदेह बनाना होगा। इस विभाग के सचिव के अलावा मुख्य सचिव पूरी योजना पर नजर रखेंगे। उस विभाग में अलग से एक आईटी सेल का गठन करना होगा जो योजना बनाने से लेकर उसे लागू करने तक उस पर नजर रखेगा। जिले के स्तर पर योजना बनकर राज्य स्तर तक आएगी और इसके बाद इनके लिए राशि विमुक्त की जाएगी।