होगा मंत्रिमंडल विस्तार!
विश्वास मत जीतने के लिए महा तीन दिन बीच में है। विपक्ष जहां सरकार गिराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा, वहीं कांग्रेस को समर्थन जुटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। कांग्रेस को छोटे दलों की कड़ी...
विश्वास मत जीतने के लिए महा तीन दिन बीच में है। विपक्ष जहां सरकार गिराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा, वहीं कांग्रेस को समर्थन जुटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। कांग्रेस को छोटे दलों की कड़ी राजनीतिक सौदेबाजी का सामना करना पड़ रहा है। हालत यह है कि मनमोहन सरकार पर तुरंत मंत्रिपरिषद में विस्तार करने का भारी दबाव है। सूत्रों का दावा है कि शनिवार को मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो सकता है। हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि नहीं की। झारखंड मुक्ित मोर्चे के नेता शिबू सोरन को कोयला मंत्री पद देने के लिए मनमोहन सिंह तैयार हैं।ड्ढr ड्ढr मंत्रिमंडल में विस्तार के बाद कांग्रेस को झारखंड मुक्ित मोर्चे और राष्र्ट्रीय लोकदल के समर्थन को लेकर असमंजस खत्म हो जाएगा। इसके बाद निर्दलीयों को आकर्षित करने में आसानी होगी। राष्ट्रीय लोकदल के नेता अजित सिंह मंत्री पद के साथ-साथ भावी राजनीतिक गठाोड़ पर भी जोर दे रहे हैं। कांग्रेस की रणनीति में अगला दांव यह भी है कि अधिक से अधिक सांसदों को गैरहाजिर रहने के लिए या मतदान से अलग रहने के लिए राजी किया जाए। वैसे, भाजपा के कम से कम दो सांसद गम्भीर रूप से अस्वस्थ होने की वजह से 22 जुलाई को हाजिर नहीं हो सकेंगे। ये सांसद हैं महाराष्ट्र के मालेगांव से हरीशचन्द्र चव्हाण और कर्नाटक के चिकमगलूर से डीसी. कंटप्पा। फिल्म अभिनेता और बीकानेर से सांसद धर्मेन्द्र भी विश्वास मत में भाग लेने के मूड में नहीं बताये जाते। अस्वस्थता के कारण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी मतदान में संभवत: भाग लेने नहीं जा सकेंगे। कांग्रेस को नेशनल कांफ्रेस के दोनों सांसदों के भी मतदान में भाग न लेने की उम्मीद की जा रही है।