फोटो गैलरी

Hindi News बहस दिल्ली में, पटना में गूंजे ‘शेम-शेम’ के नारे

बहस दिल्ली में, पटना में गूंजे ‘शेम-शेम’ के नारे

भाषण भले दिल्ली के संसद भवन में चल रहा हो लेकिन ताली और ‘शेम-शेम’ की आवाजें पटना में भी गूंज रही थी। पटना स्थित राजनीतिक दलों के दफ्तरों में टेलीविजन से कार्यकर्ता चिपके हुए थे और अपने-अपने दल के...

 बहस दिल्ली में, पटना में गूंजे ‘शेम-शेम’ के नारे
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

भाषण भले दिल्ली के संसद भवन में चल रहा हो लेकिन ताली और ‘शेम-शेम’ की आवाजें पटना में भी गूंज रही थी। पटना स्थित राजनीतिक दलों के दफ्तरों में टेलीविजन से कार्यकर्ता चिपके हुए थे और अपने-अपने दल के नेताओं के भाषण पर कभी उछल रहे थे तो कभी शोर कर रहे थे। यहां बड़े नेताओं का पता नहीं था। कई दफ्तरों में तो कार्यकर्ता दरवाजे बंद कर भाषण सुन रहे थे ताकि कोई इसमें खलल न डाल सके। विधायक आवासों के आसपास आलम यह था कि कहीं भी खड़े हो जाने पर भाषण इतने साफ सुनाई पड़ रहे थे कि फिर कहीं और जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी। जनता दल यू के दफ्तर में तो केवल टीवी की ही आवाज आ रही थी। एक कमर में बैठकर कुछ कार्यकर्ता संसद में चल रही कार्रवाई का नजारा ले रहे थे।ड्ढr ड्ढr अन्य कमरों में भी कुछ लोग बैठे थे लेकिन उनके भी कान टेलीविजन की ही तरफ थे। लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी के भाषण के दौरान यहां ताली भी बजी तो दूसरी ओर राजद कार्यालय में टेलीविजन देख रहे कार्यकर्ता उस समय प्रसन्न हो गए जब श्री आडवाणी के भाषण के बीच में टोका-टोकी करने के लिए रल मंत्री लालू प्रसाद खड़े हो गए। जब माकपा के सलीम भाषण कर रहे थे तो एक कार्यकर्ता ने कहा- अब इनलोगों को बुझा गया है कि सरकार गिरने वाली नहीं है। अलबत्ता भाजपा के प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ता कम थे और जो थे भी वे संसद में चल रही कार्रवाई से बेजार। एक कार्यकर्ता से जब इसका कारण पूछा गया तो उसने कहा-लोग घर पर देख ही रहे हैं, दफ्तर में भी जरूरी है क्या?

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें