लक्ष्य बीजिंग नहीं, 2020 आेलंपिक : कलमाडी
जहां दुनिया भर के देश 15 दिन बाद शुरू होने वाले बीजिंग आेलंपिक खेलों में अपने पदकों की संख्या बढ़ाने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं, वहीं भारतीय आेलंपिक संघ (आईआेए) के मुखिया सुरेश...
जहां दुनिया भर के देश 15 दिन बाद शुरू होने वाले बीजिंग आेलंपिक खेलों में अपने पदकों की संख्या बढ़ाने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं, वहीं भारतीय आेलंपिक संघ (आईआेए) के मुखिया सुरेश कलमाडी ने कहा कि भारत का लक्ष्य बीजिंग नहीं, बल्कि उसके 12 साल बाद होने वाला आेलंपिक है। कलमाडी ने राष्ट्रमंडल युवा खेलों के लिए बैटन रिले का कार्यक्रम घोषित करने के बाद संवाददाताआें से कहा कि बीजिंग आेलंपिक में उन्हें भारतीय खिलाड़ियों से किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजिंग में केवल तीन-चार खेलों में ही भारत को पदक की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि लेकिन इसके चार साल बाद होने वाले लंदन आेलंपिक में हमारे खिलाड़ियों की तैयारी अच्छी होगी। उसके पहले हम अपने ही देश में इसी साल होने वाले राष्ट्रमंडल युवा खेल और वर्ष 2010 में होने वाले नई दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छी संख्या में पदक बटोरने में कामयाब रहेंगे। इसका लाभ हमें अगले आेलंपिक में मिलेगा। वैसे कलमाडी की राय में भारत दुनिया की अग्रणी खेल ताकतों को बराबरी की टक्कर देने में 2020 के आेलंपिक में ही सफल हो पाएगा। उन्होंने कहा कि हम वर्ष 2020 के आेलंपिक खेलों की मेजबानी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर ऐसा हो गया तो हमारे खिलाड़ी अपनी धरती पर अच्छी-खासी चुनौती खड़ी करेंगे। कलमाडी ने मंगलवार को भी अपने एक बयान में कहा था कि उन्हें बीजिंग आेलंपिक में जाने वाले भारतीय दल से किसी चमत्कार की आशा नहीं है। उन्होंने कहा था कि भारत को लंदन आेलंपिक पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। बहरहाल जब आईआेए अध्यक्ष से यह पूछा गया कि बीजिंग आेलंपिक में उन्हें किन खेलों से थोड़ी बहुत उम्मीद है तो उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से निशानेबाजी, तीरंदाजी और टेनिस में हमारे पास अच्छे मौके हैं। इसके अलावा चार गुणा 400 महिला रिले टीम भी पदक की दौड़ में हो सकती है। गौरतलब है कि भारत पिछले तीन आेलंपिक खेलों में केवल एक-एक पदक ही जीत सका है। भारत को वर्ष 2004 के एथेंस आेलंपिक में रजत तथा 2000 के सिडनी आेलंपिक और 1े अटलांटा आेलंपिक में कांस्य पदक मिला था। केंद्रीय खेल मंत्री एमएस गिल ने भी कुछ दिनों पहले कलमाडी की ही तरह बीजिंग आेलंपिक में भारत की पदक उम्मीदों को लेकर निराशा जताई थी।