अहमदाबाद में सीरियल ब्लास्ट,35 मरे
आईटी सिटी बेंगलुरु में नौ विस्फोटों के अगले ही दिन शनिवार शाम अहमदाबाद में ताबड़तोड़ 18 धमाके हुए। आतंकियों के निशाने पर थे अस्पताल, थाना, बस से लेकर पुल और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाके। सांप्रदायिक...
आईटी सिटी बेंगलुरु में नौ विस्फोटों के अगले ही दिन शनिवार शाम अहमदाबाद में ताबड़तोड़ 18 धमाके हुए। आतंकियों के निशाने पर थे अस्पताल, थाना, बस से लेकर पुल और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाके। सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील पूर्वी इलाकों में इन विस्फोटों में35 लोग मार गए जबकि 150 से अधिक लोग घायल हुए। अहमदाबाद के नियंत्रण कक्ष का हेल्पलाइन नम्बर 25630100600 और 003313 है। आतंकियों ने मुंबई के शेयर बाजार और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाने की चेतावनी भी दी है। घटना के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ महाराष्ट्र व राजस्थान समेत पूर देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। विस्फोट काफी तेज नहीं थे पर इसमें प्रयुक्त जिलेटिन की छड़ों ने काफी कहर बरपाया। खास बात यह है कि इन विस्फोटों की प्रकृति जयपुर विस्फोटों से काफी मिलती-ाुलती है। हालांकि बम बेंगलुरु की तर्ज पर रखे गए। इसके लिए साइकिल पर टिफिन बाक्स रखे गए थे। विस्फोट वाली जगहों में मुख्यमंत्री नरन्द्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र मणिनगर भी शामिल है, जहां तीन विस्फोट हुए। पहला विस्फोट 6.4बजे शाम को क्षेत्र के हाटकेश्वर इलाके में हुआ, जिसका सिलसिला 7.25 तक चलता रहा। शाम 6.41 पर इंडियन मुजाहिदीन नामक एक संगठन ने न्यूज चैनलों को ई-मेल भेजकर धमाके की धमकी दी थी। दोपहर को आईबी को भी ऐसी ही चेतावनी भरा एक ई-मेल मिला था। इसमें कहा गया था, ‘बस पांच मिनट इंतजार करो। गुजरात के बदले के लिए अल्लाह के नाम पर फिर हमला। जो करना हो, कर लो। अब से पांच मिनट बाद आप मौत के आतंक को महसूस करोगे।’ ई मेल की जांच की जा रही है। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृहमंत्री शिवराज पाटिल, विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत तमाम नेताओं ने विस्फोटों की कड़ी निंदा की है और लोगों को संयम बरतने की सलाह दी है। आडवाणी ने कहा कि पोटा जसे कानून को हटा लेने के बाद आतंकवादियो का मनोबल बढ़ा है। गृहराज्य मंत्री शकील अहमद ने कहा कि राज्य सरकार को तीन दिन पहले ही आतंकी हमले की सूचना दे दी गई थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय रविवार को बैठक कर रहा है। अहमदाबाद रलवे स्टेशन सील कर दिया गया है और मोबाइल फोन को जाम कर दिया गया है। जांच में दिल्ली पुलिस को भी लगाया गया है। घटना को खुफिया तंत्र की विफलता के तौर पर देखा जा रहा है। इन घटनाओं को भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए रची गई साजिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।ड्ढr