राम सेतु राष्ट्रीय धरोहर नहीं बन सकता : केंद्र
ेंद्र सरकार का कहना है कि राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके लिए वह आवश्यक अहर्ताओं की पूर्ति नहीं करता। सरकार ने फिर से दोहराया भी है कि खुद भगवान राम ने ही राम सेतु को...
ेंद्र सरकार का कहना है कि राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके लिए वह आवश्यक अहर्ताओं की पूर्ति नहीं करता। सरकार ने फिर से दोहराया भी है कि खुद भगवान राम ने ही राम सेतु को तोड़ा था। इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील फलीएस नरीमन ने प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से कहा कि हमारा मानना है कि राम सेतु उन अहर्ताओं की पूर्ति नहीं करता जो किसी को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए चाहिए होती है। राम सेतु को न तोड़ना पड़े, इसके लिए कोई वैकल्पिक मार्ग बनाए जाने संबंधी अदालत की सलाह के बारे में नरीमन ने कहा कि उन्हें सरकार की ओर से इस बारे में अभी तक कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि संभवत: बुधवार को उन्हें सरकार की तरफ से इस संबंध में दिशा निर्देश मिल सकता है। नरीमन ने बालाकृष्णन, न्यायाधीश आरवी रविंद्रन और न्यायाधीश जेएम पंचाल की तीन सदस्यि खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को फिर दोहराया कि रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद श्रीलंका से लौटते वक्त ही भगवान राम ने राम सेतु को तोड़ दिया था। कंबन रामायाण का हवाला देते हुए नरीमन ने कहा कि भगवान राम ने 17 लाख 50 हजार वर्ष पहले राम सेतु को ध्वस्त कर दिया था।