वसीयत में गैरों को दे सकेंगे एक तिहाई चामीन
पट्टेदार अब ग्राम सभा की भूमि नहीं बेच सकेंगे। ग्राम सभा की भूमि पर कब्जा करने वालों को अब सजा के साथ आर्थिक दण्ड भी भुगतना पड़ेगा। साथ ही भू-स्वामी अब गैरों को एक-तिहाई से यादाोमीन वसीयत नहीं कर...
पट्टेदार अब ग्राम सभा की भूमि नहीं बेच सकेंगे। ग्राम सभा की भूमि पर कब्जा करने वालों को अब सजा के साथ आर्थिक दण्ड भी भुगतना पड़ेगा। साथ ही भू-स्वामी अब गैरों को एक-तिहाई से यादाोमीन वसीयत नहीं कर सकेंगे। राय सरकार ने इसके लिए कानूनी प्रावधान की तैयारी कर ली है। ‘उ.प्र. जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम’ में कई महत्वपूर्ण संशोधन वाला विधेयक तैयार है,ोिसे न्याय विभाग ने हरी झण्डी दे दी है। विधेयक का प्रारूप कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूर होोाएगा और फिर इसे विधानमण्डल के अगले सत्र में पेश किया जाएगा।ड्ढr फिलहाल यह प्रावधान है कि ग्राम सभा की भूमि का पट्टेदार दस वर्ष बाद इसोमीन को किसी को भी बेच सकता है। अब सरकार पट्टेदार के इस अधिकार को खत्म करने जा रही है। गरीबों को सरकारी भूमि पट्टे पर इसलिए दी जाती है कि वह उसके पास ही रहे, लेकिन पश्चिमी यूपी मेंोमीन की कीमत बढ़ने की वाह से पट्टेदार लालच में अपनी भूमि बेच रहे हैं। उ.प्र.ोमींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन के बाद पट्टेदार, पट्टे की भूमि नहीं बेच पाएगा। एक अन्य संशोधन में ग्राम सभा की भूमि पर कब्जा करने वालों को कम से कम तीन महीने और अधिकतम तीन साल की सजा व पाँच हजार रुपए का आर्थिक दण्ड का भी प्रावधान किया जा रहा है। इसके लिए हाईकोर्ट से परामर्श के बाद एस.डी.एम. को सजा सुनाने का अधिकार दिया जाएगा।ड्ढr अधिनियम में एक और संशोधन का प्रस्ताव है। इसके तहत कोई भू-स्वामी अपनी जमीन का एक-तिहाई से यादा गैरों को वसीयत में नहीं दे सकेंगे। इसके पीछे कारण यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसी व्यक्ित द्वारा परिवार के सदस्यों को छोड़कर गैरों को सारीोमीन देने से मुकदमे बढ़ते जा रहे हैं। यह भी देखने में आ रहा है कि कुछ लोग भू-स्वामी को फुसलाकर गैरों के नाम वसीयत करा लेते हैं। कानून में संशोधन का फायदा भू-स्वामी के परिवारीानों को मिलेगा और मुकदमेबाजी कम होगी।