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हमको ऐसा-वैसा ना समझो

मौत एक रुपए मेंड्ढr इस महंगाई में कुछ सस्ता मिले या न मिले लेकिन छोटी-छोटी गलियों से लेकर कनॉट प्लेस में लगने वाले खोमचों तक, आप एक रुपए में मौत खरीद सकते हैं। सव्रेक्षणों पर गौर करं तो हम पाएंगे...

 हमको ऐसा-वैसा ना समझो
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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मौत एक रुपए मेंड्ढr इस महंगाई में कुछ सस्ता मिले या न मिले लेकिन छोटी-छोटी गलियों से लेकर कनॉट प्लेस में लगने वाले खोमचों तक, आप एक रुपए में मौत खरीद सकते हैं। सव्रेक्षणों पर गौर करं तो हम पाएंगे कि अधिकतर लोगों को कैंसर गुटखे की वजह से होता है। मीठा और धीमा जहर एक रुपए में उपलब्ध कराकर देश विरोधी ताकतों का पूरा-पूरा साथ दे रही है।ड्ढr अमित गोस्वामी, यमुना विहार, नई दिल्ली दो ही काफीड्ढr जनता की सुरक्षा के लिए आतंकवादियों से निपटने के लिए कांग्रेस पोटा के स्थान पर साधारण कानून पर्याप्त मानती है। तो फिर माननीय मंत्री की सुरक्षा के लिए मात्र दो सिपाही डंडे के साथ ही काफी हैं।ड्ढr ओम प्रकाश त्रेहन, मुखर्जी नगर, दिल्ली पेड़ों को मत काटोड्ढr हमारी सरकार पर्यावरण बचाने के लिए विश्वविद्यालयों में पाठ तो पढ़वा रही है परंतु दिल्ली विश्वविद्यालय के काम्प्लेक्स के आसपास करीब 150 पेड़ों की कटाई और 200 पेड़ों को उखड़ते भी देख रही है। समझ से पर है कि इस तरह पेड़ों की कटाई और उखड़ना देख पर्यावरण के बार में पढ़ रहे छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ रहा होगा। पूर्व कुलपति द्वारा 40 साल पहले दक्षिण अमेरिका से लाया गया जो पेड़ काटा जा रहा है, उसे अच्छा होता काटने की जगह प्रत्यारोपित किया जाता।ड्ढr प्रभात कुमार, रमेश नगर, नई दिल्ली सब लोग बधाई के पात्र हैंड्ढr जिस प्रकार से पहले बेंगलुरु फिर अहमदाबाद में बम विस्फोट हुए तथा सूरत में दो कारों से विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। लोगों को (खासकर अहमदाबाद में अल्पसंख्यकों को) यह डर सताने लगा था कि कहीं सांप्रदायिक दंगे न भड़क जाएं, परंतु संकट की इस घड़ी में सभी वर्ग के लोगों ने धैर्यपूर्वक इसका सामना किया और जरूरतमंदों की सहायता में जुट गए। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। इसके विपरीत बेंगलुरु में विस्फोट के बाद से ही राज्य सरकार व केन्द्र के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। दोनों अपनी-अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे रहे। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।ड्ढr पवन कुमार, गांधी विहार, नई दिल्ली स्पीड ब्रेकर बनवाएंड्ढr ऋषिकेश में अम्बेडकर चौक से ट्रेड टैक्स कार्यालय तक कोई भी बड़ा स्पीड ब्रेकर नहीं होने के कारण तेज गति से दोपहिया, तिपहिया (विक्रम) तथा चार पहियों वाले वाहनों की रस से आये दिन बच्चे, बूढ़े और जवान चोटिल होते रहते हैं तथा हर समय दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। पहले भी तत्कालीन चेयरमैन व सभासद को लिखित रूप से बताया गया, पर कुछ नहीं हुआ। अत: नगरपालिका परिषद, ऋषिकेश के चेयरमैन तथा क्षेत्र के सभासदों से निवेदन है कि वे प्राथमिकता के आधार पर इस व्यस्त मार्ग पर गति अवरोधकों का निर्माण करवाएं।ड्ढr भगवतस्वरूप शर्मा, ऋषिकेश

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