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नगर निगम में 26 साल से नहीं हुई नियुक्ित

सफाइकर्मियों की कमी से शहर को साफ सुथरा बनाये रखने में परशानी आ रही है। दस लाख की आबादी वाले इस शहर की सफाई का जिम्मा महा 485 सफाइकर्मियों पर है। वैसे नगर निगम में 1333 स्वीकृत पद हैं। इनमें से 548...

 नगर निगम में 26 साल से नहीं हुई नियुक्ित
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सफाइकर्मियों की कमी से शहर को साफ सुथरा बनाये रखने में परशानी आ रही है। दस लाख की आबादी वाले इस शहर की सफाई का जिम्मा महा 485 सफाइकर्मियों पर है। वैसे नगर निगम में 1333 स्वीकृत पद हैं। इनमें से 548 पद खाली हैं। वर्ष 10 के बाद से ही नगर निगम में सफाइकर्मियों की नियुक्ित नहीं की गयी है। अंतिम बार 1में 132 पद का सृजन किया गया, लेकिन तब सफाइकर्मियों की नियुक्ित नहीं की गयी थी। 26 साल से निगम में नियुक्ित नहीं हुई है। नगर निगम के हर विभाग में पद खाली हैं। होम्योपैथ डॉक्टर, आयुव्रेदिक, यूनानी तथा साधारण चिकित्सक के एक-एक पद सृजित किये गये हैं, लेकिन सभी पद हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों में कुल 450 पद स्वीकृत किये गये हैं। इसमें से महा तीन सौ पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं।ड्ढr शहर की बढ़ी आबाद के हिसाब से नगर निगम को दो हाार से अधिक सफाइकर्मियों की आवश्यकता है। इसके लिए नगर निगम की ओर से राज्य सरकार को कई बार प्रस्ताव भेजा गया। लेकिन अब तक हरी झंडी नहीं मिली है। नतीजतन निगम की हालत जर्जर होती जा रही है। एक ओर सरकार नये पदों का सृजन नहीं कर रही, दूसरी ओर नगर निगम द्वारा विभिन्न कर की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी नहीं दी जा रही है। इसका नुकसान राजधानी वासियों को झेलना पड़ रहा है।ड्ढr नियुक्ित की प्रक्रियाड्ढr नगर निगम में नियुक्त कर्मियों के वेतन का 30 प्रतिशत राज्य सरकार को देना होता है। शेष 70 फीसदी नगर निगम को अपने कोष से देना है।

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