दुनिया ने देखा चीन का सपना
आखीर वह घड़ी भी आ गई। आठ अगस्त की रात आठ बाकर, आठ मिनट और आठ सेकेंड। एक अरब तैंतीस करोड़ पंखों वाले चीनी ड्रैगन ने ठीक इसी समय लम्बीोम्हाई के साथ अपनी आँखें खोलीं। करीब 36 किलोमीटर लम्बे इस्पात के...
आखीर वह घड़ी भी आ गई। आठ अगस्त की रात आठ बाकर, आठ मिनट और आठ सेकेंड। एक अरब तैंतीस करोड़ पंखों वाले चीनी ड्रैगन ने ठीक इसी समय लम्बीोम्हाई के साथ अपनी आँखें खोलीं। करीब 36 किलोमीटर लम्बे इस्पात के पत्तर को तोड़-मरोड़कर बनाया गया बर्ड नेस्ट स्टेडियम रंग-बिरंगी रोशनी से नहा उठा। पूर स्टेडियम में हर तरफ उल्लास औरोोश भर गया। चीनी कलाकारों एक के बाद एक करतब व नृत्य दिखाने लगे। बारूद की ईााद करने वाले इस देश ने ऐसी आतिशबााी की लोग आसमान की तरफ ही टकटकी लगाए रहे। उन सबकी की आँखों में भी चमक थीोो कुछ दिन पहले पर्यावरण व मानवाधिकार को लेकर चीनी सरकार को कोसने में लगे थे।ड्ढr दुनिया में खेल के सबसे बड़े महासंग्राम यानी 2वें ओलम्पिक का करीब तीन घंटे तक चला उद्घाटन समारोह भव्य था। करीब हाार लोग इस ऐतिहासिक समारोहके चश्मदीद बनने को वहाँ मौाूद थे। इनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनियाग गांधी अपने बच्चों राहुल व प्रियंका गांधी के साथ मौाूद थीं। उनके साथ विदेश राय मंत्री आनंद शर्मा और भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष सुरश कलमाडी भी थे। अमेरिकी राष्ट्रपतिोार्ॉ बुश समेत करीब 80 देशों के राष्ट्राध्यक्ष उपस्थित थे।ड्ढr इस पल की तैयारी के लिए चीन के हाारों कलाकार पिछले तीन वर्षो सेोबरदस्त मेहनत करने मेंोुटे थे।ोब बर्ड नेस्ट में मौाूद दर्शकों नेोोरदार तालियाँ बााकर शाबासी दी तो उन्हें अपनी मेहनत पर नाा हुआ। कलाकारों ने मशहूर फिल्म निर्देशक झाँग ई माऊ के निर्देशन में अपने देश की हाारों वर्ष पुरानी सयता को तीन घण्टे के भीतर दुनिया के सामने बखूबी पेश किया। चीन के प्राचीन नगाड़ों की गूँा के साथ समारोहका आगाा हुआ। स्टेडियम में चारो तरफ लहराती सफेद मीनारं, चकाचौंध रोशनी, कुंग-फू, हवा में लहराते भीमकाय ओलंपिक रिंग। सब कुछ सपने ौसा लग रहा था। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद शुरू हुई हिस्सा लेने वाले सभी 205 देशों की टीमों की परड़। हर टीम स्टेडियम में मौाूद दर्शकों अपने देश की झलक दिखा रही थी। सबसे आगे ओलंपिकोनक यूनान की टीम थी। भारतीय तिरंगा लहराते रायवर्धन रौठार 55वें नम्बर पर मुख्य अतिथि के सामने से गुार। उनके नेतृत्व में पूरा भारतीय दल आगे-आगे बढ़ रहा था। सभी खिलाड़ी परंपरागत भारतीय वेशभूषा में थे।ं