आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं का प्रदर्शन
झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका वर्कर यूनियन के नेतृत्व में आंगनबाड़ी सेविकाओं ने शनिवार को विधानसभा और राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में राज्य के कई जिलों से आंगनबाड़ी सेविकाएं...
झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका वर्कर यूनियन के नेतृत्व में आंगनबाड़ी सेविकाओं ने शनिवार को विधानसभा और राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में राज्य के कई जिलों से आंगनबाड़ी सेविकाएं कार्यक्रम में शामिल हुईं। हिनू इंदिरा पैलेस से आंगनबाड़ी सेविकाएं जुलूस की शक्ल में विधानसभा पहुंची। वहां पर आमसभा हुई। सभा को विधायक गिरिनाथ सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं की नौ सूत्री मांगें जायज हैं। मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री से शीघ्र बातचीत की जायेगी।ड्ढr प्रदेश युवा अध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। इसके बाद सेविकाओं ने राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। यहां सभा को संबोधित करते हुए यूनियन की महासचिव मंजू सक्सेना ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं की सुविधा बढ़ाने के लिए कई बार घोषणा की, लेकिन इस पर पहल नहीं की गयी। मानदेय में भी विशेष बढ़ोत्तरी नहीं की गयी। उन्होंने सेविका और सहायिकाओं की सरकारी नौकरी में क्रमश: तृतीय और चतरुथ वर्ग में बहाली की मांग की। साथ ही पांच हाार और तीन हाार रुपये मानदेय निर्धारित करने की मांग की। धरना कार्यक्रम के बाद यूनियन ने राज्यपाल को नौ सूत्री मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्नातक पास सेविकाओं को महिला पर्यवेक्षक में प्रोमोशन देने, सभी आंगनबाड़ी केंद्र को भवन उपलब्ध कराने, भवन नहीं उपलब्ध होने की स्थिति में पांच सौ रुपये मकान भाड़ा तय करने, पोषाहार मद में बढ़ोत्तरी, चावल और दाल की कीमत बढ़ती महंगाई के अनुरूप करने, जलावन और परिवहन भत्ता में वृद्धि, गरीब परिवार के बच्चे, महिलाओं तथा किशोरियों के पोषाहार की व्यवस्था, सेविका और सहायिकाओं की कार्यअवधि के दौरान मृत्यु होने पर परिानों को 50 हाार मुआवजा और प्रभावित परिवार का चयन सहायिका के रूप में करने की मांग की है।