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नहीं माँगा जाएगा ठेकेदारों से हैसियत व चरित्र प्रमाणपत्र

प्रदेश सरकार ने सुरक्षा, संचार, सर्विलांस व विवेचना आदि के लिए अत्याधुनिक उपकरणों आदि की खरीद की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। टेंडर डालने वाली ठेकेदार कंपनियों और फर्मो सेोिलाधिकारी...

 नहीं माँगा जाएगा ठेकेदारों से हैसियत व चरित्र प्रमाणपत्र
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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प्रदेश सरकार ने सुरक्षा, संचार, सर्विलांस व विवेचना आदि के लिए अत्याधुनिक उपकरणों आदि की खरीद की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। टेंडर डालने वाली ठेकेदार कंपनियों और फर्मो सेोिलाधिकारी द्वाराोारी चरित्र प्रमाण पत्र और हैसियत प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। उनके लिए शपथ पत्र देना भी अनिवार्य नहीं होगा। नया शासनादेशोारी कर दिया है।ड्ढr अब तक टेंडर डालने वाले ठेकेदार या कंपनी के लिएोिलाधिकारी द्वाराोारी चरित्र प्रमाण पत्र, हैसियत प्रमाण पत्र और शपथपत्र देनाोरूरी था। पुलिस विभाग की सुरक्षा, विवेचना तथा अन्य उपकरणों की खरीद के लिए अधिकृत विभिन्न इकाइयों ौसे सुरक्षा, अभिसूचना, एसटीएफ, रडियो, तकनीकी सेवाएँ, पीएसी, यातायात एवं सतर्कता अधिष्ठान द्वारा कई बार टेंडर माँगे गए। यह खरीद राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से ही होती है और वे यूपी से बाहर की हैं। चरित्र व हैसियत प्रमाण पत्र माँगेोाने से उन्होंने टेंडर डालना ही बंद कर दिया। इस कारण खरीद नहीं हो पायी, उस मद का धन भी खर्च नहीं हो सका।ड्ढr अब प्रदेश सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है। नए शासनादेश में कहा गया है कि उच्च न्यायालय का आदेश मुख्य रूप से गवर्नमेंट वक्र्स कांट्रैक्ट्स यानी निर्माण और विकास के कार्य एसे ठेकेदारों को न दिएोाने से हैोिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि है।ड्ढr उच्च न्यायालय के निर्देश पुलिस विभाग के उपकरणों की खरीद में लागू नहीं होते हैं। इसलिएोिलाधिकारी द्वारा पुलिस विभाग की खरीद से संबंधित ठेकेदारों केड्ढr लिएोारी चरित्र और हैसियत प्रमाण पत्र की अनिर्वायता समाप्त कर दी गई है।ं

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