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विधानमंडल में अब शुरू हो रही गुरु-शिष्य परंपरा

विधानमंडल में अब गुरु-शिष्य परम्परा शुरू हो रही है। गुरु होंगे पूर्व सदस्य और पाठ पढ़ेंगे मौजूदा विधायक। गुरु दक्षिणा के तौर पर पूर्व सदस्यों को वर्तमान सदस्यों की तरह सभी सुविधाएं मिलेंगी। हां, वेतन...

 विधानमंडल में अब शुरू हो रही गुरु-शिष्य परंपरा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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विधानमंडल में अब गुरु-शिष्य परम्परा शुरू हो रही है। गुरु होंगे पूर्व सदस्य और पाठ पढ़ेंगे मौजूदा विधायक। गुरु दक्षिणा के तौर पर पूर्व सदस्यों को वर्तमान सदस्यों की तरह सभी सुविधाएं मिलेंगी। हां, वेतन से वे वंचित होंगे क्योंकि पेंशन के तौर पर उन्हें पहले से ही अच्छी रकम मिल रही है। इसके लिए विधान परिषद सचिवालय ने राज्य विधायी अध्ययन एवं प्रशिक्षण ब्यूरो का गठन कर दिया है। इसमें विधानसभा के एक और विधान परिषद के तीन पूर्व सदस्य शामिल किये गए हैं।ड्ढr ड्ढr परिषद सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार विधान परिषद के सभापति इसके पदेन अध्यक्ष होंगे जबकि विधान सभा के अध्यक्ष और संसदीय कार्य मंत्री इसके पदेन सदस्य होंगे। विधान परिषद के पूर्व सदस्य इंद्र कुमार, रामनंदन सिंह और कमलनाथ सिंह ठाकुर के अलावा विधान सभा के पूर्व सदस्य उपेन्द्र नाथ वर्मा इसके सदस्य बनाए गए हैं। इन्द्र कुमार को ब्यूरो का सदस्य सचिव बनाया गया है। इस ब्यूरो के सदस्य बनने वाले विधान मंडल के पूर्व सदस्यों को वे सारी सुविधायें प्रदान की गई हैं जो वर्तमान सदस्यों को हासिल होंगी। पूर्व सदस्य होने के नाते उन्हें पेंशन, रलवे कूपन और चिकित्सा सुविधा तो मिलेगी ही, वर्तमान सदस्यों की तरह उन्हें पटना में आवास की भी सुविधा हासिल होगी। इसके अलावा उन्हें दैनिक भत्ता, दूरभाष की सुविधा, उपस्कर तथा अन्य स्टेशनरी की सुविधा भी वर्तमान सदस्यों की तरह ही प्राप्त होगी। अधिसूचना 21 अगस्त से ही लागू हो जाएगी।

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